बारिश बना विलेन ,एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट से कोयला उत्पादन हुआ बाधित ,हांफने लगे विद्युत संयंत्र ,2 से 6 दिनों का बचा स्टॉक ,गहराएगा बिजली संकट

कोरबा। सरप्लस बिजली के नाम पर इतराने वाला छतीसगढ़ में बिजली संकट गहराने वाला है। विद्युत संयंत्रों के पास महज 2 से 6 दिनों का कोयला स्टॉक बचा है। साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) से राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला आपूर्ति नहीं हो पाने की वजह से यह हालात निर्मित हुए हैं। अक्टूबर में 2.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 3 मिलियन टन कोयला उठाव के बाद भी राज्य भर के बिजली संयंत्र कोल स्टॉक की कमी से हांफ रहे हैं। कोयले की किल्लत के कारण संयंत्रों को उत्पादन घटाना पड़ रहा है।

एसईसीएल को अक्टूबर महीने में 14.73 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। माह के आठ दिनों में एसईसीएल 2.40 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर चुका है। वहीं इस अवधि में 0.70 फीसदी ग्रोथ के साथ 3.01 मिलियन टन कोयला का उठाव कर चुका है। सितंबर तक तेज बारिश के कारण कम उत्पादन होने का दावा प्रबंधन करती रही। अब कोयला उत्पादन की रफ्तार बढ़ने के बावजूद संयंत्रों में कोयले की कमी बनी हुई है। विद्युत संयंत्रों में कम से कम 15 दिन का कोयला स्टॉक होना चाहिए. लेकिन स्थिति यह है कि राज्य उत्पादन कंपनी के कोरबा स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में 2, कोरबा वेस्ट में 4 व मड़वा में 6 दिन का कोल स्टॉक है। एनटीपीसी कोरबा के पास भी महज 3 दिन का कोल स्टॉक बचा हुआ है। बालको टीपीएस, भिलाई टीपीएस, लारा टीपीपी व लैंको पताढ़ी के पास 6 दिन का कोल स्टॉक है। कोयले की कमी के कारण संयंत्रों से कम बिजली उत्पादन भी हो रहा है। बारिश थमने के बाद भी संयंत्रों के हालात बदले नहीं है। कोयला संकट का काला साया अब भी मंडरा रहा है।

उत्पादन व उठाव से पीछे

एसईसीएल के अब तक के उत्पादन की बात की जाए तो खदानों से लगभग 57.52 मिलियन टन कोयला का उत्पादन हो चुका है। जबकि 172 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने लगभग 73.58 मिलियन टन का उत्पादन होना था। आफटेक कोयला उठाव का टारगेट 196 मिलियन टन सालाना है।इस लक्ष्य को पूरा करने अब तक लगभग 99 मिलियन टन उठाव एसईसीएल को कर लेना था।जिसकी पूर्ति में लगभग 57.79 मिलियन टन कोयला उठाव ही हुआ है।

संयंत्रों में कोल स्टॉक की स्थिति

संयंत्र मेगावाट स्टॉक दिन

बालको 600 -61.6 – 6

एनटीपीसी कोरबा 2600 – 110.3 – 3

एनटीपीसी सीपत 2980- 304.7 – 8

डीएसपीएम 500- 15.0 – 2

एचटीपीपी 1340 – 69.8 – 4

मड़वा 1000- 66.5 – 6

भिलाई टीपीएस 500 – 27.0 – 6

अकलतरा टीपीएस 1800- 43.7 – 3

लारा टीपीपी 1600 -110.6 – 6

लैंको पताढ़ी 600- 38.9- 6

नोट- स्टॉक हजार टन में

बॉक्स

सीपीपी आधारित उद्योगों पर मंडरा रहा संकट

एसईसीएल की जिले में स्थित खदानों व अन्य जिले के कोयला खानों से कैप्टिव पावर प्लांट (सीपीपी) आधारित उद्योगों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। जानकार बताते हैं कि प्रदेश में लगभग 250 उद्योग है जिन्हें प्रतिमाह लगभग 8 लाख टन कोयले की जरूरत होती है, लेकिन इन उद्योगों को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है।यह आपूर्ति जरूरत के अनुसार कम है। दिन ब दिन उद्योगों की स्थिति खराब हो रही है। शुरुआत में इसका असर थर्मल प्लांटों की स्टॉक पर पड़ा।

वर्जन

दीर्घावधि तक बरसात की वजह से मेगा प्रोजेक्ट से उत्पादन हुआ प्रभावित

इस वर्ष बारिश की दीर्घावधि तथा सितम्बर माह में बारिश के दिनों की संख्या अधिक होने के कारण मेगा प्रॉजेक्ट्स से उत्पादन प्रभावित हुआ है।अक्टूबर के पहले सप्ताह के आँकड़े सुधार का संकेत दे रहे हैं। आशा है जल्द हीं कोरबा जिले की खदानें पूरी रफ़्तार से उत्पादन देने में सफल होंगी।

सनीष चन्द्रा, पीआरओ एसईसीएल