हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। बंद जलमल शोधन संयंत्र में मेंटेनेंस के नाम पर प्रतिवर्ष 11 लाख रुपए की फर्जी मरम्मत दर्शाकर राशि बंदरबाट करने वाले एसईसीएल मानिकपुर प्रबंधन को अब 15 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने शिकायत उपरांत सभी तथ्य सत्य पाए जाने पर प्रबंधन पर यह भारी भरकम अर्थदंड लगाया है । जुर्माना की राशि प्रतिदिन 50 हजार के हिसाब से 30 दिवस के लिए लगाई गई है। इस कार्यवाई से जहां हड़कंप मचा है वहीं एसईसीएल प्रबंधन की खूब फजीहत हुई है।
यहां बताना होगा कि एसईसीएल के मानिकपुर परियोजना में 0-50 एमएलडी क्षमता का जलमल शोधन संयंत्र (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित है। जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य पानी की शुद्धिकरण करना था।लेकिन इसके विपरीत यह संयंत्र एसईसीएल के अधिकारियों के लिए कमाई का जरिया बन गया।17 वर्षों से बन्द पड़े जलमल शोधन संयंत्र के प्रतिवर्ष मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए। गत वर्ष भी 11 लाख रुपए का मरम्मत बताया गया।इस तरह बंद प्लांट के मरम्मत के नाम पर अफसर लाखों डकार गए। जलमल शोधन प्लांट की आड़ में की जा रही भर्राशाही की शिकायत छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश महामंत्री दिलीप मिरी ने क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर सहित अन्य दफ्तरों में की थी। सालों बाद ही सही पर्यावरण विभाग हरकत में आया। और संयुक्त जांच दल 21 सितंबर को मानिकपुर स्थित जलमल शोधन संयंत्र पहुंची। संयुक्त टीम की पड़ताल में प्रबंधन की अनियमितता की पोल खुल गई। टीम ने मौके पर ही पंचनामा तैयार कर आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी अंकुर साहू के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था। आखिरकार क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने एसईसीएल मानिकपुर प्रबंधन के इस कृत्य पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 15 लाख रुपए के अर्थदंड आरोपित कर दंडित किया है। इस कार्यवाई से एसईसीएल की झूठ सामने आ गई है। प्रबंधन की खूब फजीहत हो रही है। आला अधिकारी भी इससे खासे नाराज हैं। शीघ्र ही प्रकरण में जिम्मेदार अफसरों पर प्रशासनिक कार्रवाई की गाज गिरेगी।
जांच में मिली थी ये खामियाँ
०जलमल शोधन संयंत्र बन्द पाया गया था।
०संयंत्र परिसर में चहुंओर गंदगी पसरी थी ।
०स्लग टैंक सूखा पाया गया था।
०चैम्बर पर बड़े पैमाने पर काई जमा मिला था।
०इंटल ब्लाक जाम मिला था।
०लॉगबुक में भ्रामक जानकारी दर्ज थी।
०यूरिया व सुपरफास के भंडारण में अनियमितता मिली थी।
०ठेकेदार को एक माह बाद भी वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया था।
०हाउस कीपिंग व्यवस्था सही नहीं पाई गई थी।