जर्जर स्कूल में कक्षाएं न लगाएं ,शासन का सर्कुलर जारी कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर गए डीईओ ,फजीहत के बाद भी स्कूल को झांकने की फुर्सत नहीं ,
जर्जर भवन में 259 छात्रों की लग रही कक्षाएं,महफूज नहीं बच्चे

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। 9 साल से जर्जर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल भवन की मरम्मत को लेकर 39 बार डीईओ -बीईओ को पत्र लिखे जाने के बाद भी भवन की मरम्मत नहीं होने जर्जर भवन में 259 बच्चों की कक्षाएं लगने संबंधी खबर के प्रकाशन के बाद हो रही फजीहत से जिम्मेदारी से भागने शिक्षा विभाग ने दूसरे ही दिन हास्यप्रद कारनामा किया है। सचिव /आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के 24 सितंबर 2021 को जर्जर भवन में शाला संचालन न किए जाने संबंधी निर्देश का पालन करने संबंधी आदेश प्रभावित संस्था सहित समस्त बीईओ ,प्राचार्यों ,प्रधानपाठकों को जारी कर अपने दायित्वों से इति श्री कर ली । निजी स्वार्थ में डूबे शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल की बदहाल व्यवस्था को झांकने तक नहीं पहुंचे।

यहां बताना होगा कि जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कटघोरा विकासखण्ड के प्रयत्क्ष खनन प्रभावित क्षेत्र पड़निया में सन 2012 में यहाँ शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला का भवन तैयार हुआ था। तकरीबन 50 लाख की लागत से बने शासकीय स्कूल भवन में इस कदर गुणवत्ता की अनदेखी की गई कि एक दो साल में ही भवन के अंदर एवं बाहर से भ्रष्टाचार की तस्वीर नजर आने लगी। दीवारों में दरार ,खिंडकी दरवाजे बेंच टूटने लगे। सरिया झांकने लगी। नतीजन प्राचार्य ने स्कूल भवन की मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों को मांग पत्र भेजा। लेकिन अधिकारी मांग पत्र की अनदेखी करते रहे। इस बीच पिछले 9 सालों में प्राचार्य 34 मांग पत्र बीईओ कटघोरा तो 5 मांग पत्र डीईओ कोरबा को लिख चुके हैं बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों की अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं हुआ। जबकि जिले में लघु मरम्मत मद सहित सीएसआर ,खनिज न्यास में भी करोड़ों का शिक्षा सेक्टर के लिए रखा गया है। कलेक्टर हर बैठकों में ऐसे जर्जर स्कूल भवनों की जानकारी मांग रही हैं। लेकिन जिला व ब्लाक मुख्यालय में बैठे अधिकारी कोपभाजन से बचने सब कुछ ठीकठाक होने की बात कह झूठी वाहवाही लूट रहे हैं।उक्त समस्या को लेकर हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने दिनांक 27 अक्टूबर को प्रमुखता से समाचार जारी किया था। जिसके बाद संबंधित विभाग में हड़कम्प मच गया था। लेकिन उसी दिन देर शाम डीईओ ने कलेक्टर के कोपभाजन से बचने अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने
सचिव /आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के 24 सितंबर 2021 को जर्जर भवन में शाला संचालन न किए जाने संबंधी जारी निर्देश का पालन करने संबंधी आदेश प्रभावित संस्था सहित समस्त बीईओ ,प्राचार्यों ,प्रधानपाठकों को जारी कर अपने दायित्वों से इति श्री कर ली । निजी स्वार्थ में डूबे शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल की बदहाल व्यवस्था को झांकने तक नहीं पहुंचे।वहां अतिरिक्त कक्ष ही नहीं है आखिर संस्था प्रभारी कहाँ कक्षाएँ लगाएं। अधिकारी एसी दफ्तर में बैठे उच्च अधिकारी के कोपभाजन से बचने आदेश जारी कर रहे हैं। जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है अधिकारी किस तरह विभाग के निर्माण व खरीदी आपूर्ति भुगतान के कार्यों ही तरहीज दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संबंधित ठेकेदारों से अधिकारियों को कमीशन के तौर मोटी राशि मिलनी है लिहाजा वे वहीं फोकस करेंगे । स्कूलों की समस्याओं को मौके पर जाकर झांकने की इनके पास फुर्सत नहीं है। वैसे भी डीईओ सतीश पांडे के जाने के बाद नए डीईओ जी पी भारद्वाज डमी डीईओ बनकर रह गए हैं। डीएमसी एस के अम्बष्ट डीईओ सहित जिला शिक्षा अधिकारी को चला रहे हैं। कायदे से उच्च अधिकारियों को इस त्वरित ध्यान देना होगा ,अन्यथा इस साल आदिवासी बाहुल्य जिले की शिक्षा व्यवस्था का बेड़ागर्क होना तय है।