बैकुंठपुर। Tiger Movement: छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के दायरे में शामिल कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ वनमण्डल के कुंवारपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम भगवानपुर में कुदरा परिसर के कक्ष क्रमांक पी-1277 क्षेत्र में टाइगर के मूवमेंट की खबर से आसपास के गांव के लोग डरे सहमे हैं। जनकपुर के अनुविभागीय अधिकारी वन केएस कंवर ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार 4 दिन पहले गुरुघासीदास राष्ट्रीय से लगे ग्राम भगवानपुर में टाइगर द्वारा एक भैंस का शिकार किया गया। स्थल पर पंजों के निशान देख उसके टाइगर होने की पुष्टि की गई। फिर भी उसके पंजे का सैंपल लेकर रायपुर जांच कराने भेजा गया है। इधर बाघ के पंजों के निशान देख सबके होश उड़ गए। क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट होने से ग्रामीणों में दहशत का आलम है।
बता दें कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। वहीं नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथारिटी (एनटीसीए) से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने अप्रुअल मिला है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। पहली बार टाइगर रिजर्व (Tiger reserve forest) का पूरा क्षेत्रफल आया।
टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर जंगल है। वहीं 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा। वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा। वहीं टाइगर को उद्यान क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में भोजन मिलेगा ओर रहवास पर बेहतर काम किया जाएगा।
हुआ है टाइगर का मूवमेंट
ग्राम भगवानपुर में टाइगर का मूवमेंट हुआ है। एक भैंस को शिकार (Killed buffalow) बनाया है। फॉरेस्ट टीम घटना स्थल पर पहुंचकर टाइगर के पंजे के निशान का सैंपल लिया गया है। साथ ही ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी गई है।
.केएस कंवर, एसडीओ फॉरेस्ट जनकपुर।