कोरोना के तीसरी लहर के बीच पांच राज्यो में विधानसभा चुनाव का ऐलान ,पंजाब ,उत्तराखण्ड ,गोवा में एक ,मणिपुर में दो ,यूपी में सात चरणों मे होगा मतदान ,10 मार्च को एक साथ आएंगे परिणाम ,15 जनवरी तक रैलियों सभाओं पर रोक ,पहली बार कोरोना संक्रमित भी डालेंगे वोट

690 सीटों पर डाले जायेंगे वोट, 18.34 करोड़ मतदाता लेंगे हिस्सा, कोरोना पॉजिटिव वोटर्स के घर पहुंचेगी निर्वाचन की टीम

दिल्ली । कोरोना के तीसरी लहर के बढ़ते प्रभाव के बीच समय पर विधानसभा चुनाव को लेकर की जा रही तमाम अटकलों पर शनिवार को विराम लग गया। चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस कर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है।पांचों राज्यों में सात चरणों में मतदान होंगे। जिसकी शुरुआत 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान से होगी।पंजाब ,उत्तराखण्ड ,गोवा में एक ,मणिपुर में दो ,यूपी में सात चरणों मे मतदान होगा। 10 मार्च को एक साथ सभी के परिणाम आएंगे। चुनाव आयोग ने पहली बार 15 जनवरी रैलियों सभाओं पर रोक लगा दी है । वहीं पहली बार कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में इलेक्शन डेट्स की घोषणा के साथ ही वहां आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है ।मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि देश में 5 राज्यों की 690 विधानसभाओं में चुनाव कराए जाएंगे। 18.34 करोड़ मतदाता चुनाव में हिस्सा लेंगे। कोरोना के बीच चुनाव कराने के लिए नए प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा है कि इस बार 5 राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव होंगे। कोविड सेफ इलेक्शन कराना चुनाव आयोग का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना चुनौती पूर्ण है। चुनाव आयोग ने 3 लक्ष्यों पर काम किया है। ये लक्ष्य हैं कोविड सेफ इलेक्शन, आसान इलेक्शन, और मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करना है।

24.9 लाख मतदाता पहली बार डालेंगे वोट

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। कुल 24.9 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनमें से 11.4 लाख लड़कियां पहली बार वोटर बनीं हैं। सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होंगे, ताकि लोगों को सुविधा हो। हर बूथ पर सैनिटाइजर, मास्क उपलब्ध होगा।

1250 मतदाताओं पर एक बूथ

सुशील चंद्र ने बताया कि इस बार 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है, पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसदी बूथ बढ़ गए हैं। इस बाद 1620 बूथ को महिला पोलिंगकर्मी मैनेज करेंगी। वही, 900 आब्जर्बर चुनाव पर नजर रखेंगे। सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोविड प्रभावित लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की गई है।

कोविड पॉजिटिव बैलेट पेपर से डालेंगे वोट, घर जाएगी चुनाव आयोग की टीम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध के घर आयोग की टीम विशेष वैन से जाएगी और वोट डलवा कर आएगी। इन्हें बैलेट पेपर से वोट डालने का अधिकार मिलेगा। हर बूथ पर दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम होंगे और वॉलेंटियर उनकी मदद करेंगे। सभी बूथ पर व्हील चेयर भी होगी। संवेदनशील बूथों पर वीडिओग्राफी होगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा बूथों पर लाइव वेबकास्ट होगा। ऑब्जर्वर भी ज्यादा संख्या में तैनात होंगे।

किस राज्य में कितनी सीटें एक नजर में

उत्तर प्रदेश- 403 विधान सभा सीटें

गोवा- 40 विधान सभा सीटें

मणिपुर- 60 विधान सभा सीटें

पंजाब- 117 विधान सभा सीटें

उत्तराखंड- 70 विधान सभा सीटें

2017 में ये रहे थे नतीजे

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पिछले विधान सभा चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. बीजेपी गठबंधन को 325, सपा को 47, बीएसपी को 19, कांग्रेस को 7 और अन्य को 7 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं 2017 के विधान सभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस को बहुमत मिला था।कांग्रेस ने 77, आम आदमी पार्टी ने 20, अकाली दल ने 15 और बीजेपी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी।बता दें कि उत्तराखंड में भी बीजेपी की सरकार है।पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी को 56, कांग्रेस को 11 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं मणिपुर में 60 विधान सभा सीटों में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं तो BJP ने 21 और अन्य ने 11। इसके अलावा 40 विधान सभा सीटों वाले राज्य गोवा में भाजपा 13 सीटों के साथ सरकार में है तो वहीं कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। इसके अलावा अन्य को 10 सीटें मिली थीं, जिन्होंने सत्ताधारी दल को समर्थन दिया।