रेत माफियाओं पर एक्शन में प्रशासन,आधी रात खनिज विभाग की गेववाघाट रेत घाट में दबिश, पकड़े गए ट्रेक्टर,रेत तस्कर हुए बेनकाब

कोरबा । जिले में रेत माफियाओं पर कलेक्टर के निर्देश पर रात के वक्त खनिज विभाग ने घाट पर जाकर छापामार कार्रवाई की है। गुरुवार रात करीब 3 बजे गेरवाघाट से रेत ढोई जा रही थी जो यह बताने के लिए काफी है कि रेत और राजस्व की धड़ल्ले से चोरी हो रही है। इन्होंने सोचा कि बड़े साहब को नीचे स्तर के अधिकारी ने सेट कर लिया है तो भला हमारा कौन क्या बिगाड़ लेगा लेकिन भूल गए कि अवैध काम पर कब किधर से कान खड़े हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।

सूत्रों के अनुसार यहां संरक्षण में माफिया ट्रेक्टर चालकों से हर दिन 5 हजार रुपए वसूल कर अवैध उत्खनन का काम करवा रहे थे। माफिया के हौसले इस कदर बुलंद थे कि वो लोग सरेआम दावा किया करते थे कि उनकी सभी विभागों में सेटिंग है और उनके गाड़ियों को कोई नहीं पकड़ सकता है। इस मामले की जानकारी जब कलेक्टर श्रीमती रानू साहू को हुई तो उन्होंने माइनिंग विभाग की स्पेशल टीम बनाकर रात करीब 3 बजे छापामार कार्रवाई कराई। इस दौरान राताखार गेरवा घाट के निकट अवैध परिवहन व उत्खनन करते 7 ट्रैक्टर पकड़ में आये। इस पूरे मामले में सोहेब व प्रमोद अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है। फिलहाल विभाग की कार्रवाई से माफियाओं में हड़कम्प है। दूसरी ओर रेत माफिया कादिर खान पर भी टीम जल्द कार्रवाई करने की बात कह रही है।

एक-दूसरे के लिए मुखबिरी और धरपकड़,जनता व सरकार को नुकसान

रेत के मामले में अवैध संचालन को लेकर गुटबाजी भी जोरों पर है। रेत का तेल निकालने के लिए हर धड़ा इस कदर आतुर है कि खाकी से लेकर खादी का गठजोड़ कराते और अपनी रिश्तेदारी व एप्रोच तक गिनाते फिर रहे हैं। कानों-कान खबर पक्की है कि एक बड़े अधिकारी की शह पर चल रहे इस घाट पर दबिश तो नमूना है। इस अधिकारी ने अपने शीर्ष को तो भरोसे में ले लिया लेकिन माइनिंग को समेट नहीं पाए और छापा पड़ गया। तू डाल-डाल मैं पात-पात की तर्ज पर खनन और छापा का काम चल रहा है। इस खेल में जनता पिस रही है और सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।