एसईसीएल कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे भूविस्थापित , लोक पर्व छेरछेरा पर कंपनी में मांगा रोजगार,बोले – कोयला खनन के लिए जमीन लेकर अब तक नहीं दी नौकरी, मांग रहे अपना अधिकार

कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचे खदान प्रभावित कई गांवों के भूविस्थापितों ने सोमवार को लोक पर्व छेरछेरा पर कंपनी में रोजगार मांगा। भूविस्थापितों ने कहा कि कोयला खनन के लिए जमीन लेकर अब तक कंपनी में नौकरी नहीं दी। दान के तिहार पर अपना अधिकार मांग रहे हैं।

कुसमुंडा खदान से प्रभावित गांव दुल्लापुर, जटराज, खम्हरिया समेत कई दर्जन गांवों के भूविस्थापितों की रोजगार के पुराने प्रकरण लंबित है। जिनकी जमीन 25 से 30 साल पहले ली गई थी। लेकिन इस जमीन पर नौकरी नहीं मिली है। पात्र ग्रामीणों ने एसईसीएल कुसमुंडा में आवेदन दिया है। लेकिन अब तक कंपनी में रोजगार नहीं मिलने से जीएम कार्यालय कुसमुंडा के सामने 77 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। लोक पर्व छेरछेरा पर भूविस्थापितों ने जीएम ऑफिस जाकर रोजगार मांगा। एसईसीएल अफसरों को छेरछेरा पर्व पर किसानों के धान का दान करना बताया। भूविस्थापितों ने कहा कि वे कंपनी से आज के दिन खदान में अधिग्रहित उनकी जमीन के बदले रोजगार मांग रहे हैं, जो नियमानुसार उनके अधिकार क्षेत्र में भी है। लेकिन एसईसीएल प्रबंधन भूविस्थापितों को उनका अधिकार देने में आनाकानी कर रही है।