एसईसीएल की परम्परागत वादाखिलाफी से भड़के भूविस्थापितों ने 2 घण्टे गेवरा परियोजना खदान का बन्द कराया काम , कोयला सरफेस व मिटटी का कार्य रहा बाधित , मचा हड़कम्प

300 बेरोजगार भूविस्थापितों की बीटीसी प्रशिक्षण कराने के बाद एक साल से नहीं दे रहा रोजगार ,बोले भू -विस्थापित ,मांगे पूरी नहीं हुई तो कोविड-19 के गाइडलाइन के नियमों के तहत करेंगे आंदोलन

कोरबा – दीपका। वैकल्पिक रोजगार की मांग को लेकर सोमवार को बेरोजगार भूविस्थापितों ने एसईसीएल की गेवरा परियोजना स्थित कोयला खदान 2 घंटे तक विरोध प्रदर्शन कर कोयला खदानों के मिट्टी तथा कोयला सरफेस के कामों को बंद करा दिया ।भू -विस्थापितों ने एसईसीएल प्रबन्धन पर वादखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की । लाखों के नुकसान एवं आचानक खदान का काम बंद कराने से प्रबंधन में हड़कम्प मच गया।

समाज सेवी मनीराम भारती ने बताया कि लगभग 1 वर्ष पूर्व गेवरा खदान के मुहाने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसमें एसईसीएल के परियोजना अधिकारी सत्यपाल भाटी और अन्य अधिकारियों के समक्षवी विभिन्न मांगों को लेकर सहमति बनी थी। जिसमें वैकल्पिक रोजगार के लिए जिन बेरोजगार भूविस्थापितों की बीटीसी नहीं हुआ है उनका बीटीसी प्रशिक्षण कराने , तदोउपरांत कोयला खदान क्षेत्रों में और छोटे- बड़े निजी कंपनियों में बेरोजगार भूविस्थापितों को नियोजित करने की सहमति पर आंदोलन स्थगित की गई थी। साथ ही साथ अमगांव के जोकाहीडबरी के 111 आश्रित परिवारों की मकानों के संपत्ति सर्वे का भुगतान 1 माह के भीतर करने का एसईसीएल प्रबंधन से समझौता हुआ था । 300 बेरोजगार भूविस्थापितों की बीटीसी प्रशिक्षण कराया गया था लेकिन 1 वर्ष से ज्यादा होने के बावजूद भी आज पर्यंत तक बेरोजगार भूविस्थापितों की वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा नहीं कराई गई , ना ही अमगांव के 111 आश्रित परिवारों की मकानों की मुआवजा राशि का भुगतान हुआ । जिससे भूविस्थापितों में गहरी नाराजगी है । जिसके विरोध स्वरूप सोमवार को गेवरा खदान के कार्य स्थल पर पहुंचकर लगभग 2 घण्टे तक खनन व मिट्टी के कार्य को बंद कराया गया । जिससे एसईसीएल को लाखों का नुकसान हुआ। उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन को चेतावनी दी है कि पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार बेरोजगार भूविस्थापितों की वैकल्पिक रोजगार और अमगांव जोकाहीडबरी के 111 परिवारों की मुआवजा भुगतान को प्रबंधन नजरअंदाज करती है तो मजबूरन कोविड-19 के गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए अन्य प्रकार की आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होगी ।

पहुंचे अधिकारी ,दिया आश्वासन

बंद की सूचना मिलते ही एसईसीएल गेवरा परियोजना के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारी सत्यपाल भाटी ने मौके पर पहुंचकर बेरोजगार भूविस्थापितों को समझाने का प्रयास किया । परियोजना अधिकारी के द्वारा कहा गया कि वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रथम प्राथमिकता बेरोजगार भूविस्थापितों को दी जाएगी । इसकी शुरुआत 8 बेरोजगार भूविस्थापितों को तत्काल बहाल कर दो-दो दिन के अंतराल में चार-चार बेरोजगार भूविस्थापितों को लेकर किया जाएगा । अमगांव के 111 भूविस्थापितों की मुआवजा राशि को एसईसीएल भू-राजस्व नोडल अधिकारी से जानकारी लेकर तत्काल भुगतान कराया जाएगा,उक्त आश्वासन पर भूविस्थापितों ने धरना स्थल से हटकर विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।