स्थानीय जनप्रतिनिधि ,पुलिस ,प्रशासन की मौन स्वीकृति ,कोल इंडिया को पहुंच रही करोड़ों की क्षति
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी जिले में कोयला के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग रही । एसईसीएल दीपका परियोजना के मलगांव खदान के मुहाने पर बेधड़क कोयला चोरी पर लगाम लगी नहीं कि सराईपाली खदान से भी बड़े पैमाने पर कोयला चोरी कर कोल इंडिया व राज्य शासन को करोड़ो की क्षति पहुंचाई जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के संरक्षण व जिम्मेदार अधिकारियों की मौन स्वीकृति से कोयला चोरी में बच्चे बूढ़े जवान सभी लिप्त हैं।
यहां बताना होगा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में सभी जिला कलेक्टर ,एसपी को अवैध रेत, कबाड़ एवं कोयला कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।शासन से जारी निर्देशों के बाद जिला प्रशासन भी हाल ही में एक्शन मोड में आया था । 31 जनवरी को कोयला कारोबारी नवनीत उर्फ अंशु पलेरिया के नकटीखार स्थित डम्पिंग यार्ड में छापामारी की थी । छापेमारी में 110 टन कोयला जब्त किया गया था । इसके साथ ही 3 ट्रिपर ट्रेलर ,3 जेसीबी ,2 मेटाडोर 1 लोडर की भी जब्ती की गई। यहां 1 एकड़ आवासीय परिवर्तित भूमि पर कोल यार्ड चल रहा था । वहीं अंशु पलेरिया को कोयला सप्लाई करने वाले बाबा खान द्वारा बरमपुर में भंडारित 30 टन कोयला जब्त कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था ।लेकिन इस कार्रवाई के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आई । अब इसके पीछे क्या वजह रही ये तो अधिकारी ही बता सकते हैं। पर इन सबका फायदा कोयला कारोबारी उठा रहे हैं। भोले भाले ग्रामीणों को कुछ पैसों का लालच देकर खदान से बड़े पैमाने कोयला चोरी कराकर कोल इंडिया व राज्य शासन को बड़ी आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज की पड़ताल में एसईसीएल के दीपका परियोजना के मलगांव के बाद एसईसीएल के सराईपाली खदान में बड़ी कोयला चोरी पकड़ी गई। यहां कोरबा के कोयला कारोबारी के लिए जान जोखिम में डालकर बच्चे बूढ़े जवान सभी कोयला चोरी में लिप्त नजर आए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी लूट की खुली छूट दे रखी थी। एसईसीएल द्वारा खदानों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए सीआरपीएफ व अन्य कंपनियों के जवान भी नजर नहीं आए।
महज 2 रुपए प्रतिकिलो में खरीदकर ऊंचे दामों पर बिक्री करता है ठेकेदार
नाम न छापने की शर्त पर कोयला चोरी में लिप्त कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें प्रति किलो कोयला के लिए महज 2 रुपए की दर से भुगतान किया जाता है। इस तरह ग्रामीणों से महज 2 रुपए में कोयला खरीदकर ऊंचे दामों पर कोयला बेचकर कोयले के काले कारोबारी समाज में सफेदपोश बने घूम रहे हैं ।
तीनों परियोजनाओं के खदानों से हो रही चोरी ,लूट की मिली खुली छूट
एसईसीएल के तीनों परियोजनाओं कुसमुंडा ,गेवरा दीपका में बड़े पैमाने पर कोयला एवं डीजल चोरी की जा रही है। निश्चित तौर पर इस चोरी की जानकारी स्थानीय पुलिस प्रशासन को नहीं होगी या ऐसा नहीं है। बावजूद इसके न तो एसईसीएल न ही पुलिस की तरफ से नियमित कार्रवाई नजर आ रही,जिससे चोरों को बल मिल रहा है।
प्रतिदिन हो रही चोरी ,जंगल में पड़ा था 5 ट्रक कोयला
एसईसीएल के दीपका परियोजना के मलगांव खदान व सराईपाली के खदान के समीप कोयला चोरी में लिप्त ग्रामीणों ने 5 ट्रक से अधिक कोयले की चोरी की थी। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन 3 से 5 ट्रक कोयला की चोरी बेधड़क की जा रही है इन सब की जानकारी एसईसीएल के अधिकारियों ,पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को भी है बावजूद शासन स्तर पर पहुंच रखने वाले कोयला कारोबारियों पर नियमित व बड़ी कार्रवाई के निर्देश नहीं दिए जा रहे जिससे इनके हौसले बुलंद है। सूत्रों की मानें तो जंगल मे कोयला डम्प कर खपाया जा रहा है । शासन स्तर से कोयला कारोबारी दबाव बनाने में सफल रहते हैं जिसकी वजह से कार्रवाई भी महज औपचारिक प्रतीत होते हैं।