कोरबा। प्रदेश के राजस्व मंत्री के जिले में हरदीबाजार -तरदा बाईपास सड़क ,एवं पतरापाली से कोरबा के मध्य निर्मित होने वाले फोरलेन एवं नेशनल हाइवे क्रमांक 130 के मार्ग में आने वाले जमीनों के अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरण में कूटरचना और एक ही भूमि के हिस्से का बटांकन कर बार बार खरीदी बिक्री कर शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले भू -माफिया जल्द सलाखों के पीछे होंगे।कलेक्टर के पत्र लिखे जाने के बाद जनवरी माह में दर्ज दो एफआईआर के बाद जांच में तेजी लाई गई है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने दोनों प्रकरणों की त्वरित विवेचना के लिए एएसपी अभिषेक वर्मा के पर्यवेक्षण में 6 सदस्यीय टीम गठित की है।जिससे हड़कंप मचा है ।

यहाँ बताना होगा कि इंडस्ट्रीयल सड़क कॉरिडोर निर्माण योजना के तहत कोयलांचल क्षेत्र की 3 सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।26.7 किलोमीटर लंबी एक फेस सर्वमंगला से तरदा 8 किलोमीटर ,तरदा से हरदीबाजार 13 .2 किलोमीटर एवं सर्वमंगला से कुसमुंडा 5 .5 किलोमीटर शामिल है। सर्वमंगला से कुसमुंडा मार्ग को फोरलेन तो शेष दोनों सड़कों को टू लेन तैयार किया जाना है। इसके लिए एसईसीएल ने200 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता राशि दे दी है। पीडब्ल्यूडी को सड़क निर्माण का क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है ।गत वर्ष टेंडर भी फाईनल कर कार्य शुरू कर दिया गया है। नागपुर की फर्म एमएमएस यह कार्य कर रही है। मार्च 2023 तक एक फेस में तीनों सड़क को तैयार किया जाना है। यह कार्य शुरू ही हुआ था कि गत वर्ष जिले में पदस्थ हुईं कलेक्टर रानु साहू के संज्ञान में जुलाई 2021 में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। यह गड़बड़ी हरदीबाजार से तरदा मार्ग 13 .2 किलोमीटर में सामने आया । पीडब्ल्यूडी ने इस मार्ग के अंतर्गत आने वाले 13 गांव के भू -अर्जन के लिए प्रस्ताव दिया था। इनमें कटकीडबरी ,नवापारा ,मुड़ापार,मुढाली,गांव के भू -अर्जन का प्रस्ताव 30 दिसंबर 2020 को तो दर्री ,भर्राकुड़ा,मौहाडीह ,अखरापाली ,गंगदेई बिरदा का प्रस्ताव 31 दिसंबर को तो सराईसिंगार ,रंगबेल तथा भलपहरी का प्रस्ताव 14 जनवरी 2021को भेजा गया था। इसके पूर्व अक्टूबर 2020 से उक्त 13 गांवों में भूमि के क्रय -विक्रय ,नामांतरण एवं बंटवारे पर कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध लगा दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद नियम कायदों की परवाह न करते हुए उपपंजीयक हरदीबाजार ने 115 तो उप पंजीयक कोरबा ने 38 रजिस्ट्री कर दी। वहीं पंजीयन के बाद 168 रजिस्ट्री भी किए गए। इसकी शिकायत शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी केदारनाथ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से की थी। जिसके तहत कलेक्टर को जांच कर प्रतिवेदन भेजने के आदेश दिए गए थे। कलेक्टर ने जांच कर आवश्यक कार्यवाई की अनुशंसा सहित प्रतिवेदन राज्य शासन को सितंबर 2021 में ही भेज दी थी। कलेक्टर ने प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई करने एसीएस सीएम के साथ एसीएस गृह एवं जेल विभाग को पत्र लिखा था। प्रकरण में सरकार की तरफ से जल्द वैद्यानिक कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा था। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज ने भी 24 सितंबर 2021 को प्रमुखता से उक्त खबर को उठाया था। आखिरकार उप सचिव छतीसगढ़ शासन मुख्यमंत्री सचिवालय ,मंत्रालय ,महानदी भवन केपिटल काम्प्लेक्स ,नवा रायपुर अटल नगर रायपुर की ओर से प्रकरण में दोषियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की हरी झंडी दे गई। जिसके बाद कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने आदेशानुसार प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए भू –
-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए कार्रवाई से अवगत कराने 20 जनवरी 2022 को पुलिस अधीक्षक कोरबा को पत्र लिखा था। इसी तरह पतरापाली से कोरबा के मध्य निर्मित होने वाले फोरलेन एवं नेशनल हाइवे क्रमांक 130 के मार्ग में आने वाले जमीनों के अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरण में भी कूटरचना कर शासन को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है। इन हाई प्रोफाईल प्रकरण में पूरी निगाह पिछले डेढ़ माह से पुलिस की वैद्यानिक कार्रवाई पर टिकी है।लिहाजा अब पुलिस भी एक्शन में आ गई है। कोतवाली में अपराध क्र. 58/2022 एवं 60/2022 पर पृथक-पृथक अपराध धारा 420, 120 बी के तहत दर्ज किया गया था । जनवरी माह में दर्ज हुई इन दोनों एफआईआर के बाद जांच में तेजी लाई गई है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने दोनों प्रकरणों की त्वरित विवेचना के लिए एएसपी अभिषेक वर्मा के पर्यवेक्षण में 6 सदस्यीय टीम गठित की है। इस टीम में कोरबा सीएसपी योगेश कुमार साहू, थाना प्रभारी कोतवाली रामेन्द्र सिंह, बालको थाना प्रभारी विजय चेलक, सायबर सेल प्रभारी एसआई कृष्णा साहू, एएसआई गणेशराम महिलांगे एवं प्रधान आरक्षक लक्ष्मीकांत खरसन को शामिल किया गया है।
इस तरह पहुंचाया नुकसान
हरदीबाजार-तरदा बाईपास सड़क बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। भू-माफियाओं द्वारा एक ही जमीन को छोटे छोटे हिस्सो में बटांकन कर कई बार बेचने, भूमि अधिग्रहण के मामले में अनियमितता और मुआवजा प्रकरणों में नियमों की अनदेखी की कई शिकायतें कलेक्टर को मिली थी। शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने इसकी जांच कराई थी। जांच में सामने आया है कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में भू-राजस्व संहिता व अधिग्रहण नियमों की भारी अनदेखी की गई है। नियमों के विरुद्ध 5 हजार स्क्वेयर फ़ीट से कम रकबे का अधिग्रहण दिखाकर बढ़े मुआवजे के प्रकरण स्वीकृत किये गए है इसके साथ ही ऐसे कई खसरों की भूमि को भी अधिग्रहित किया गया है, जो बाईपास सड़क सीमा में नहीं आती है। भू- मफ़ियाओं द्वारा अधिग्रहण के नियमों के उल्लंघन और मुआवजा प्रकरण में अनियमितता से शासन को राजस्व हानि पहुँचाने का प्रयास किया गया । जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा जिन खसरा नम्बरों पर प्रतिबंध लगाया गया है उन्हीं खसरों पर खरीदी बिक्री व नामांतरण किया गया है ।
सरईसिंगार ,भर्राकुड़ा,अखरापाली में सर्वाधिक 112 बटांकन हुए हैं। इन गांवों में वर्गमीटर की दर अन्य गांवों से अधिक है। इस तरह भू -खंडों का बटांकन कर कॉलोनाइजर एक्ट का उल्लंघन किया गया है। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड रायपुर के मूल्यांकन के आधार पर उक्त भूखंडों के आधार पर उक्त भूखंडों के क्रय विक्रय और नामांतरण करने के मुआवजे की राशि 1.9 करोड़ और बाद में 35 .15 करोड़ आंका गया है। इससे सरकार को 18 गुना अर्थात 32 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।