रायपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी 29 मार्च तक साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह मना रहे हैं। इसके चलते रेलवे ने किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर ट्रेन को 29 मार्च तक जगदलपुर से किरंदुल तक नहीं चलाने का निर्णय लिया है। हालांकि, विशाखापट्टनम से जगदलपुर तक ट्रेन की आवाजाही होगी।
एक सप्ताह तक पैसेंजर ट्रेन का अंतिम स्टॉपेज जगदलपुर स्टेशन ही होगा। इधर, किरंदुल से विशाखापट्टनम तक मालगाड़ियों की आवाजाही लगातार होती रहेगी।
दरअसल, 23 मार्च से नक्सलियों का साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह शुरू हो गया है। इस दौरान नक्सली किसी न किसी बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस सप्ताह के पहले दिन नारायणपुर जिला मुख्यालय से ओरछा ब्लॉक को जोड़ने वाली डामरीकृत पक्की सड़क को जगह-जगह से काट दिया था। बीच सड़क में कई जगह बैनर भी लगाए थे। नक्सलियों के इस उत्पात से कई घंटे तक यात्री बसें भी नहीं चली थी। जिससे कई ग्रामीण जंगल के रास्ते पैदल ही अपनी मंजिल तक पहुंचे। इलाके के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
विशाखापट्टनम तक चलती है केवल 2 पैसेंजर ट्रेनें
किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग पर किरंदुल से विशाखापट्टनम तक केवल 2 ही पैसेंजर ट्रेनें चलती है। इनमें से एक एक्सप्रेस ट्रेन दिन में चलती है तो दूसरी एक्सप्रेस ट्रेन नाइट में। कोरोना के बाद से नाइट एक्सप्रेस केवल मंगलवार और शनिवार को चल रही है। जबकि दिन में चलने वाली ट्रेन की आवाजाही सातों दिन होती है।
नक्सलियों के निशाने पर होता है ट्रैक
किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग हमेशा नक्सलियों के निशाने में रहा है। ज्यादातर दंतेवाड़ा जिले के बासनपुर-झिरका के जंगल में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया है। साल 2021 में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उखाड़ कर एक पैसेंजर ट्रेन को डिरेल किया था। हालांकि, ट्रेन की रफ्तार कम थी इस लिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इसके अलावा लौह अयस्क लेकर जा रही कई मालगाड़ियों को भी नक्सलियों ने डिरेल किया है। साल 2021 और 2022 में अब तक रेलवे और NMDC को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है।