बैंकों की अरुचि से 85 फीसदी किसानों का केवायसी अपूर्ण ,प्रशासन की पहल से आज से पंचायतों में ई -केवायसी सत्यापन कैम्प का आगाज

अलर्ट हो जाएं किसान ,ई केवायसी नहीं कराया तो नहीं मिलेगा ‘पीएम सम्मान ‘ निधि की अगली किश्त ,

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पूर्व में मिली व्यापक अनियमितताओं (अपात्रों को मिले लाभ )के मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार ने अब योजना की पात्रता के लिए पंजीकृत किसानों का पीएम किसान पोर्टल में ई -केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है जिले में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के बैंकों की अरुचि की वजह से सवा लाख किसानों में से 10 हजार किसानों का भी ई-केवायसी पूर्ण नहीं हो पाया है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर इस कार्य को पूर्ण कराने विशेष पहल की है । जिसके तहत 1 अप्रैल से 12 अप्रैल तक पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर कैम्प में ही सभी पात्र हितग्राहियों के ईकेवाईसी का पोर्टल ‘लोक सेवा केंद्र,एवं बायो मैट्रिक के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा।

यहां बताना होगा कि केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों को कृषि कार्य के लिए प्रोत्साहित करने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की गई है। जिसके तहत पात्र किसानों के बैंक खाते में सालाना 6 हजार रुपये की राशि डाली जाती है। योजना की शुरुआत से लेकर अब तक दस किश्तों में किसानों को यह राशि दी जा चुकी है। लेकिन पूर्व में हितग्राहियों द्वारा लोक सेवा केंद्रों ,सीएससी आदि माध्यमों से योजना के लिए स्वयं ऑनलाइन शपथपत्र प्रस्तुत कर आवेदन कर पात्रता हासिल कर लिया गया था। इनमें देश में करोड़ों लोग ऐसे निकले जिन्होंने झूठा शपथपत्र देकर पात्रता व सम्मान निधि हासिल कर ली । कोरबा में ही ऐसे किसानों की संख्या 3646 है।इन अपात्र किसानों ने करोड़ों रुपए की सम्मान निधि हासिल कर ली है। इनमें आयकरदाता से लेकर अयोग्य किसान भी शामिल हैं। गड़बड़ी सामने आने के बाद 4 साल पूर्व योजना में व्यापक बदलाव किया गया । राजस्व विभाग से योजना कृषि विभाग के अधीन कर दिया गया । साथ ही लोक सेवा केंद्रों ,सीएसी से स्वतः पंजीयन की प्रक्रिया भी बंद कर दी गई। कृषि विभाग द्वारा सत्यापन कर ऐसे खातों को ब्लाक कर दिया गया जिससे आगामी किश्त की राशि रूक गई। आरएईओ (ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी )के सत्यापन के बाद ही नवीन पंजीयन किया जाने लगा। केंद्र शासन राज्य शासन के समन्वय से इन अपात्र किसानों से उक्त राशि की रिकव्हरी के साथ साथ अब केंद्र सरकार ने योजना में पारदर्शिता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है जिसके तहत पात्र किसानों का ई -केवायसी सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे किसान जिनका ई -केवाईसी सत्यापन नहीं उनके खाते में योजना के तहत आगामी किश्त की राशि नहीं डाली जाएगी। जिले में कलेक्टर रानु साहू के नेतृत्व में कृषि विभाग भी इस कार्य को पूरी ऊर्जा के साथ पूरा करने जुटा हुआ है। जिले में 1 लाख 30 हजार किसान हैं जिनमें से करीब 10 हजार किसानों का ही केवायसी पूर्ण हुआ था। इन किसानों का तो ई -केवायसी आसानी से जनरेट होकर सत्यापन हो जाएगा। शेष किसानों के लिए भी जिला प्रशासन ने विशेष पहल की है। सभी आरएईओ को 1 से 12 अप्रैल तक सभी ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर राजस्व पटवारी ,पंचायत सचिव, किसान मित्रों कोटवार पंच आदि से सहयोग लेते हुए सभी किसानों का शत प्रतिशत ईकेवाईसी करवाने का निर्देश दिया गया है।खास बात यह है कि कलेक्टर रानु साहू किसान हित के इस महत्वपूर्ण कार्य का स्वयं निगरानी कर रही हैं। सभी दौरों पर औचक निरीक्षण कर कार्य का जायजा ले रही हैं।

अपात्र ,अयोग्य हितग्राहियों से रिकवरी हुई तेज ,नोटिस जारी ,वसूले 12 लाख

अनुचित तरीके से योजना का लाभ ले चुके अपात्र ,अयोग्य हितग्रहियों से जिला प्रशासन उक्त राशि की रिकवरी में भी पूरी शिद्दत से जुटा हुआ है। अब तक 171 अपात्र हितग्राहियों से 12 लाख की रिकवरी कर शासन के खाते में जमा किया जा चुका है। इनमें आयकरदाता भी शामिल हैं। जिन्होंने पेंशन रुक जाने की डर से यह राशि लौटाई। वहीं इनमें अयोग्य किसान भी शामिल हैं। निश्चित तौर पर शुरुआती दौर में यह राशि भले ही छोटी लग रही हो पर प्रशासन ने इरादे साफ जाहिर कर दिए हैं कि अपात्रों से पाई पाई की वसूली की जाएगी। इसके लिए उपसंचालक कृषि अनिल शुक्ला ने सम्बन्धितों को नोटिस भी जारी किया है। उन्होंने आगामी भविष्य की संभावित कार्रवाई से बचने राशि समर्पित करने की गुजारिश भी की है।

वर्जन

अपात्र राशि लौटाएं,पात्र किसान ई केवायसी करावें

जिन अपात्र अयोग्य हियग्राहियों ने योजना के अंतर्गत सम्मान निधि प्राप्त कर ली है उनसे गुजारिश है कि वह आगामी भविष्य की कार्रवाई से बचने उक्त राशि को समर्पित कर दें जिले के किसान भाइयों से अपील है कि वह ई -केवाईसी अनिवार्य रूप से करावें ताकि आगामी किस्त की राशि सतत रूप से उनके खाते में जमा हो।

अनिल शुक्ला ,उपसंचालक कृषि कोरबा