बिलासपुर । बिलासपुर रेलवे जोन की 22 ट्रेनों को बिना किसी कारण के बंद करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनके निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक को आदेश निरस्त कर ट्रेनों का परिचालन यथावत जारी रखने के लिए कहा है। इधर, ट्रेनों को बंद करने को लेकर अब रेलवे प्रशासन के खिलाफ सांसदों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लामबंद होने लगे हैं। रविवार को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर के साथ रेलवे के डीआरएम सहित अन्य अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने रेलवे अफसरों पर जमकर नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि रेलवे, जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज न करें, नहीं तो जनआंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया कि जोन के महाप्रबंधक के साथ शीघ्र जनप्रतिनिधियों की बैठक कराएं और ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की व्यवस्था करे। बैठक में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ महापौर रामशरण यादव और शहर विधायक शैलेष पांडेय भी मौजूद रहे रेलवे ने बिलासपुर जोन के 22 ट्रेनों को बिना किसी कारण के बंद कर दिया है। इससे पहले भी रेलवे ने बिलासपुर रीवां सहित कटनी रूट की गाड़ियों को दो माह के लिए मई के पहले सप्ताह तक बंद कर दिया है। लगातार ट्रेनें बंद करने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। शादी और छुटि्टयों के समय इस तरह से ट्रेनों को बंद करने के बाद जनप्रतिनिधियों ने रेलवे प्रशासन के इस रवैए के प्रति नाराजगी जताई है। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि रेलवे प्रबंधन लंबे समय से ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की तकलीफें बढ़ाने का काम रहा है। पहले भी कोरोना का की बात कहकर रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था। जिसमें छत्तीसगढ के साथ कोरबा संदीय क्षेत्र की ट्रेनें शामिलहैं। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद भी ट्रेनो का परिचालन शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं अब ट्रेनें बंद कर लोगों को तकलीफ में डालने का काम किया जा रहा है। सांसद ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की अवहेलना की जा रही है। रेलवे प्रशासन जनप्रतिनिधियों और आम जनता की धैर्य की परीक्षा न लें।
प्रभारी मंत्री जयसिंह ने बुलाई बैठक और जताई नाराजगी
रविवार दोपहर बिलासपुर के प्रभारी और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रेलवे के डीआरएम के साथ ही अन्य अधिकारियों और कलेक्टर की बैठक बुलाई। इसमें विधायक शैलेष पांडेय के साथ ही महापौर रामशरण यादव भी मौजूद रहे। गेवरा रोड सहित कोरबा से 6 यात्री ट्रेनों को रेलवे ने बंद कर दिया है। इसके कारण नागरिक परेशान है। कोरबा के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार ने हर किसी को नाराज कर दिया है। कोरबा विकास समिति के प्रतिनिधि मंडल ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अगुवाई में बिलासपुर पहुंच कर कलेक्टर सारांश मित्तर से भेंट की। मौके पर ही डीआरएम को बुलवाया गया। यहां पर कोरबा क्षेत्र में रेल सुविधा की कटौती के बारे में चर्चा की गई। प्रतिनिधिमंडल में जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया, सामाजिक कार्यकर्ता एमडी माखीजा, वरिष्ठ पत्रकार कमलेश यादव, किशोर शर्मा, राकेश श्रीवास्तव शामिल थे। बैठक में सदस्यों ने कोरबा की स्थिति को लेकर नाराजगी जताई।
बंद ट्रेनों को जल्द बहाल नहीं करता है तो किसी भी ट्रेन को नहीं चलने दिया जाएगा
इसी मसले पर कोरबा विकास समिति ने तय किया की रेल्वे का रुख नही सुधरा तो आगामी दिनों में किसी भी मालगाड़ी को नहीं चलने दिया जाएगा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तल्ख तेवर के साथ रेलवे के सौतेले व्यवहार की खबर ली। इस दौरान सुनिश्चित किया गया कि 29 अप्रैल को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम के साथ बिलासपुर संभाग के सांसद और विधायकों की बैठक रखी जाएगी। राजस्व मंत्री ने कहां कि डीआरएम पूरी तैयारी के साथ इसमें पहुंचे। किसी भी तरह की आधी अधूरी जानकारी और बहानेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अंत में फिर दोहराया गया कि अगर रेलवे बंद ट्रेनों को जल्द बहाल नहीं करता है तो किसी भी ट्रेन को नहीं चलने दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बिलासपुर के एक दिवसीय प्रवास पर सर्किट हाऊस में बिलासपुर डी.आर.एम. आलोक सहाय को तलब कर कोरबा से पूर्व में संचालित हो रही सवारी गाड़ियों को तत्काल शुरू करने के लिए कहा। राजस्व मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि कोरबा से गाड़ियों को रेलवे द्वारा बन्द कर देने की वजह से आम यात्रियों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को समय व पैसे की बर्बादी के साथ ही अनेक कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ रहा है। रेल प्रशासन द्वारा लंबित रखी गई सवारी गाड़ियों को तत्काल चलाए जाने का अनुरोध करते हुए कोरबा के आम नागरिकों द्वारा विभिन्न मंचों से अनेक बार रेलवे को ज्ञापन भी दिया जा चुका है। राजस्व मंत्री द्वारा स्वयं भी इस संबंध में महाप्रबंधक रेलवे को पत्र लिखा जा चुका है। राजस्व मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कठोर शब्दों में कहा कि बिलासपुर रेलवे प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोरबा के नागरिकों की जरूरतों और उनकी भावनाओं को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।
जनता में खासा रोष व्याप्त
इस दौरान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा से चलने वाली कई ट्रेनों को बंद व रद्द किये जाने को लेकर खासा रोष जताया है। उन्होने कहा कि कोविड महामारी के समय से बंद 6 यात्री ट्रेनों को अब तक पुनः प्रारम्भ नही किया गया है, उपर से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को एक माह के लिए रद्द कर दिया गया। जिस क्षेत्र से कोयला ढुलाई का कार्य किया जाता है उस गेवरा क्षेत्र से आज के समय में एक भी यात्री टेªन की सुविधा नही है। रेलवे प्रशासन की इस मनमानी से क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त हैं। जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि रेलवे के इस अड़ियल रवैये के प्रति कोरबावासियों में बहुत नाराजगी है जिसकी वजह से वे कभी भी इस मुद्दे को लेकर बड़ा आन्दोलन कर सकते हैं, हालांकि अभी उन सभी को समझाईश देकर रोक रखा गया है। राजस्व मंत्री ने कड़े लहजे में कहा कि यदि कोरबावासियों की भावनाओं के साथ रेल प्रशासन का ऐसे ही अड़ियल रूख रहा तो कभी भी कोरबा में उग्र आंदोलन हो सकता है जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी रेलवे प्रशासन की होगी। जयसिंह अग्र्रवाल ने कहा कि कोयला ढुलाई के रिकार्ड के लिए रेलवे प्रशासन यात्री ट्रेनों को बंद और बार-बार रद्द कर रही है। बैठक में जयसिंह अग्रवाल ने इस बात पर विशेष बल देते हुए कहा कि कोरबा अंचल से कोल परिवहन कर रेल प्रशासन द्वारा साल दर साल अरबों रुपये का राजस्व अर्जन किया जाता है परन्तु सुविधा विस्तार की तो बात अलग है, जो सुविधाएं पहले से प्राप्त हो रही थीं, रेलवे द्वारा उसे भी बंद कर दिया जा रहा है जो क्षेत्रीय जनता की घोर उपेक्षा है। लोगों में रेल प्रशासन के प्रति घोर नाराजगी है। डी.आर.एम बिलासपुर आलोक सहाय को हिदायत देते हुए जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि रेलवे महाप्रबंधक व अन्य उच्चाधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक आयोजित कराएं। बिलासपुर संभाग के प्रमुख जनप्रतिनिधियों को आयोजित की जाने वाली बैठक में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित करने का निर्देश राजस्व मंत्री द्वारा दिया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजस्व मंत्री के साथ अन्य जन प्रतिनिधियों के अलावा बिलासपुर निगम के महापौर रामशरण यादव, विशेष रूप से उपस्थित रहे। सात राज्यों के लिए चलती है ट्रेनें, यात्री हो रहे परेशान बैठक में उनका कहना था कि कोरबा, रायपुर सहित प्रदेश के कई शहरों से सात राज्यों के लिए ट्रेनें चलाई जा रही है। कोरबा से चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें बंद है। ऐसे में यात्रियों को रायपुर के बाद कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कोरबा के विधायक हैं और बिलासपुर के साथ ही गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के भी प्रभारी हैं। रेलवे ने उनके क्षेत्रों की ही ट्रेनों को बंद कर दिया है। सीएम के निर्देश पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को लिखा पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लोकल रेलों का परिचालन यथावत जारी रखने के लिए कहा है। मालूम हो कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक ने 23 अप्रैल को आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों का परिचालन 24 अप्रैल से आगामी एक माह के लिये बंद कर दिया गया है। यह सभी ट्रेन छत्तीसगढ़ के रेल मार्गों से प्रतिदिन आना-जाना करती हैं। इन ट्रेनों के परिचालन बंद करने के पूर्व यात्रियों के लिए किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र में लिखा है कि इसके पूर्व भी प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के 31 मार्च के आदेश से 10 रेलों का परिचालन बंद कर दिया गया था। इन 10 ट्रेनों में से 8 ट्रेनें छत्तीसगढ़ राज्य के रेल मार्गों पर आवागमन करती थी। जिसे शुरू करने के लिए पहले भी पत्र लिखा गया था, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। रेलवे की मनमानी पर कोरबा सांसद का कड़ा ऐतराज वैवाहिक व छुट्टियों मौसम में एक साथ 22 ट्रेन रद्द करना कदापि उचित नही।
भड़कीं सांसद बोलीं रेलवे धैर्य की परीक्षा न ले
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर जोन सहित रेल प्रबंधन के द्वारा एक साथ 22 ट्रेनों को 24 अप्रैल से 23 मई 2022 कुल एक माह तक के लिए रद्द कर देने पर कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने अपनी कड़ी आपत्ति और नाराजगी व्यक्त की है। कोरबा सांसद ने कहा है कि रेलवे प्रबंधन लंबे समय से ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की तकलीफें बढ़ाने का काम कर रहा है। पहले भी कोरोना काल की बात कहकर रेलवे ने अनेक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित किया है जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ कोरबा संसदीय क्षेत्र की ट्रेनें भी शामिल हैं। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद भी ट्रेनों का परिचालन सुचारू नहीं किया जा सका है और अब जनता को तकलीफ में डालने का काम कर छत्तीसगढ़ से चलने वाली करीब 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। सांसद ने कहा है कि जब उन्होंने स्वयं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित अनेक जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी इस विषय में रेलवे के शीर्ष प्रबंधन को पत्र लिखकर एवं चर्चा कर यात्री ट्रेनों का परिचालन बहाल करने की लगातार बात रखी है तब उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाना जनप्रतिनिधियों व जनता के हितों की सरासर अवहेलना ही है। रेलवे प्रबंधन जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। सांसद ने कहा है कि अभी जबकि शादी-विवाह सहित छुट्टियों के मौसम है और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए रेलवे सुगम माध्यम है तब एक साथ 22 ट्रेनों को रद्द करना किसी भी सूरत में कदापि उचित नहीं है।