हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर को न तो किसानों के हितों की परवाह है न ही कलेक्टर की अनुशंसा की । जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के सीईओ ने किसानों से धान खरीदी के भुगतान के एवज में भ्रष्टाचार की प्रमाणित शिकायत उपरांत कलेक्टर की अनुशंसा पर कोरबा ब्रांच मैनेजर के पद से हटाए गए मुख्य पर्यवेक्षक कक्ष प्रधान कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ सहायक लेखापाल अजय साहू को प्रभारी शाखा प्रबंधक बरपाली के पद पर पदस्थ कर दिया है। भ्रष्ट सहायक लेखापाल को कोरबा जिले के सबसे बड़े ब्रांच का शाखा प्रबंधक बनाए जाने के फैसले से जल्द ही विरोध के स्वर फूटेंगे।
यहां बताना होगा कि की जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की कोरबा शाखा में गत खरीफ वर्ष 2021 -22 में किसानों द्वारा अपने ही खातों से राशि निकालने में असुविधा और नियम विरुद्ध राशि वसूली की शिकायत मिली थी। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जांच कराई थी। जिसके आधार पर बैंक के सीईओ ने शाखा प्रबंधक अजय कुमार साहू को 21 जनवरी 2022 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। निलबंन अवधि में उनका मुख्यालय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर के प्रधान कार्यालय में नियत किया गया था। तत्कालिक तौर पर सहकारी बैंक के सीईओ की कार्रवाई को जिले सहित पूरे संभाग में सराहा गया था। लेकिन 13 मई 2022 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण आदेश ने सबको चौका दिया। प्रधान कार्यालय के मुख्य पर्यवेक्षक कक्ष में पदस्थ सहायक लेखापाल अजय साहू को कोरबा जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली के प्रभारी शाखा प्रबंधक पद पर पदस्थ कर दिया गया। कलेक्टर की अनुशंसा जांच रिपोर्ट उपरांत की गई कार्रवाई के महज 5 माह के भीतर सहकारी बैंक के सीईओ ने सहायक लेखापाल पर अपनी विशेष कृपा दिखा बरसाई ।खास बात यह है कि तमाम भ्रष्टाचार के प्रमाणित आरोपों की परवाह न कर बैंक के सीईओ ने यह अनुकम्पा दिखाई जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
कोरबा का सबसे बड़ा ब्रांच है बरपाली,हर साल तकरीबन 150 करोड़ का होता है बैंकिग कार्य ,इसलिए गड़ी है निगाह
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कोरबा जिले का बरपाली ब्रांच सबसे बड़ा ब्रांच है। बरपाली शाखा के अंतर्गत 12 समितियों में 5 हजार 964 ( 2021 में पंजीकृत ) किसान हैं। जबकि अन्य किसी भी ब्रांच में 4 हजार से अधिक किसान नहीं हैं ।बरपाली ब्रांच में हर साल तकरीबन 150 करोड़ का बैंकिग कार्य होता है। यहां गत वर्ष 17 करोड़ 35 लाख रुपए का ऋण बंटा था। तकरीबन 100 करोड़ रुपए धान खरीदी के तौर पर किसानों को भुगतान हुआ था। इसके अलावा 20 करोड़ से अधिक पीएम किसान सम्मान निधि एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले बोनस का भी भुगतान हुआ था। यही वजह है इस ब्रांच पर तमाम योजनाओं के भुगतान के एवज में मिलने वाली कमीशन की राशि पर निगाह गड़ी हुई है। अभी से किसानों को सहायक लेखापाल अजय साहू के भष्ट्र कार्यशैली को देखते हुए डर सता रहा है। किसानों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे जल्द ही क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर से मिलकर अजय साहू को यहां से हटाने की मांग करेंगे। कलेक्टर से भी पुनः इन्हें जिले से हटाए जाने शिकायत करेंगे।