जीपीएम । राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन का पहला दिन था। ऐसे में कांग्रेस की ओर से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को राज्यसभा भेजे जाने के कयास पर विराम लग गया है। डॉ. महंत की पत्नी और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा वो राज्यसभा के लिए दावेदारी नहीं करेंगे। अभी राज्यसभा जाने की कोई इच्छा नहीं है। अभी छत्तीसगढ़ और अपनी जनता की ही सेवा करेंगे।
सांसद श्रीमती महंत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में मीडिया से रूबरू हुईं । कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि डॉ. चरणदास महंत के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा था कि मेरी एक ही इच्छा है कि मैं राज्यसभा सांसद बनने की इच्छा कभी पूरा करूं सकूं। जबकि उस बयान में से कभी को हटा दिया गया। जिससे लगा कि वह राज्यसभा सांसद अभी बनना चाहते हैं। हालांकि सांसद महंत ने यह भी कहा कि जब हमारा मन होगा तब राज्यसभा जाएंगे और कोई जरूरी नहीं है कि अभी जाएं।
जीपीएम मीटिंग में पहुंचे थे कोरबा व बिलासपुर सांसद
दरअसल, कोरबा सांसद महंत, बिलासपुर सांसद अरुण साव और मरवाही विधायक केके ध्रुव मीटिंग में शामिल होने के लिए GPM पहुंचे थे। दोनों जिलों का लोकसभा क्षेत्र नवगठित जिले में आता है। ऐसे में विकास और आगे की कार्य योजनाओं को लेकर जिला खनिज न्यास समिति और दिशा समिति के साथ बैठक की गई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई इस बैठक में सांसद ज्योत्सना महंत अपने बेटे और बेटी के साथ शामिल होने के लिए पहुंची थी। खुलेंगी नई रेत खदानें, आवास नहीं बनने पर नाराजगी बिलासपुर सांसद अरुण साव ने बैठक में योजना के मकान नहीं बनाए जाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ये प्रदेश की 15 लाख जनता के साथ अन्याय है। लोगों के सपनों का आशियाना नहीं बनाना राज्य सरकार का अन्याय है, जो लोगों के साथ कर रही है। वहीं कोरबा सांसद ज्येात्सना महंत ने जिले में एक भी रेत खदान नहीं होने की पर नई खदानों के खोले जाने का आश्वासन दिया। बैठक में कोटा विधायक रेणु जोगी दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती होने के कारण शामिल नहीं हो सकीं।