हसदेव की खबर का असर :बरपाली में विवादित सहायक लेखापाल के जॉइनिंग पर रोक! जिद पर अड़े अजय ,5 माह बाद मिले क्लीनचिट से प्रशासन की कार्रवाई पर उठा रहे सवाल ,किसानों से उगाही का लगा था आरोप , हुए थे निलंबित

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। किसानों से धान खरीदी के भुगतान के एवज में भ्रष्टाचार की शिकायत उपरांत कलेक्टर की अनुशंसा पर कोरबा ब्रांच मैनेजर के पद से हटाए गए मुख्य पर्यवेक्षक कक्ष प्रधान कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ सहायक लेखापाल अजय साहू बरपाली के प्रभारी शाखा प्रबंधक पद पर पदस्थ नहीं होंगे । हसदेव एक्सप्रेस की खबर को संज्ञान में लेते हुए विवादित सहायक लेखापाल की बैंक के सीईओ ने जॉइनिंग रोक दी है।लेकिन सहायक लेखापाल इस इसे पचा नहीं पा रहे । घटना के 5 माह बाद अचानक उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं नोडल अधिकारी सहकारी बैंक की संयुक्त जांच रिपोर्ट में मिली क्लीनचिट का हवाला देकर सहायक लेखापाल पूर्व में की गई प्रशासनिक कार्रवाई को झूठा बताने का प्रयास कर जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली में अपने पक्ष में माहौल तैयार करवा रहे।

यहां बताना होगा कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की कोरबा शाखा में गत खरीफ वर्ष 2021 -22 में किसानों द्वारा अपने ही खातों से राशि निकालने में असुविधा और नियम विरुद्ध राशि वसूली की शिकायत मिली थी। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जांच कराई थी। जिसके आधार पर बैंक के सीईओ ने शाखा प्रबंधक अजय कुमार साहू को 21 जनवरी 2022 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। निलबंन अवधि में उनका मुख्यालय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर के प्रधान कार्यालय में नियत किया गया था। तत्कालिक तौर पर सहकारी बैंक के सीईओ की कार्रवाई को जिले सहित पूरे संभाग में सराहा गया था। लेकिन 13 मई 2022 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण आदेश ने सबको चौका दिया था । प्रधान कार्यालय के मुख्य पर्यवेक्षक कक्ष में पदस्थ सहायक लेखापाल अजय साहू को कोरबा जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली के प्रभारी शाखा प्रबंधक पद पर पदस्थ कर दिया गया। कलेक्टर की अनुशंसा जांच रिपोर्ट उपरांत की गई कार्रवाई के महज 5 माह के भीतर सहकारी बैंक के सीईओ ने सहायक लेखापाल पर अपनी विशेष कृपा द बरसाई थी ।खास बात यह है कि तमाम भ्रष्टाचार के प्रमाणित आरोपों की परवाह न कर बैंक के सीईओ ने यह अनुकम्पा दिखाई जो चर्चा का विषय बना हुआ था। हसदेव एक्सप्रेस ने इसे लेकर प्रमुखता से खबर जारी कर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसके बाद सहकारी बैंक में हडकम्प मच गया था।प्रशासन की तरफ से भी दो टूक लहजे में कह दिया गया था ऐसे विवादित कर्मचारी की कोरबा में पोस्टिंग न की जाए। लिहाजा बैंक के सीईओ ने अजय साहू की जॉइनिंग रोक दी।मनोज तिवारी ही बरपाली ब्रांच शाखा प्रभारी रहेंगे। हालांकि इस आशय के लिखित आदेश का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन इस बीच सहायक लेखापाल अजय साहू अपने पक्ष में एक अलग ही तरह का माहौल निर्मित करा रहे। अचानक कुछ सोशल मीडिया समाचार पत्रों में इनके कार्यशैली की गुणगान होने लगी है। घटना के 5 माह बाद अचानक उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ,नोडल अधिकारी सहकारी बैंक की संयुक्त जांच रिपोर्ट में मिली क्लीनचिट का हवाला देकर सहायक लेखापाल पूर्व में की गई प्रशासनिक कार्रवाई को झूठा बताने का प्रयास कर जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली में अपने पक्ष में माहौल तैयार करवा रहे। बहरहाल प्रशासनिक कार्रवाई को झूठा बता वर्तमान जांच रिपोर्ट के आधार पर बरपाली में ही जॉइनिंग की जिद पर माहौल निर्मित करा रहे सहायक लेखापाल अजय साहू को लेकर बैंक की लिखित आदेश पर सबकी निगाह टिकी है।

तो क्या पूर्व की कार्रवाई गलत ,या जांच अधिकारी हुए प्रभावित

जिस तरह उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं एवं नोडल अधिकारी जिला सहकारी बैंक द्वारा घटना के 5 माह बाद सहायक लेखापाल पर लगे आरोपों में उनको पाक साफ ठहराते हुए क्लीनचिट दे दी गई ,कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। क्या पूर्व में प्रभारी शाखा प्रबंधक पर की गई कार्रवाई बिना जांच पड़ताल के जनाक्रोश को शांत करने की गई थी। या वर्तमान में प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में गवाहों खाताधारकों को प्रभावित कर या दबाव पूर्वक बयान लिए गए। या फिर जांच अधिकारियों ने फर्जी जांच प्रतिवेदन तैयार कर सहायक लेखापाल को क्लीनचिट दे दी। निश्चित तौर पर किसानों के हित में सबसे बड़े ब्रांच में अधिकारी पदस्थ करने से पूर्व उठना लाजिमी है। जिसका जवाब भविष्य के गर्त में छिपा है।

बरपाली सबसे बड़ा ब्रांच ,हर साल तकरीबन 150 करोड़ का होता है बैंकिग ,गड़ी रहती है निगाह

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कोरबा जिले का बरपाली ब्रांच सबसे बड़ा ब्रांच है। बरपाली शाखा के अंतर्गत 12 समितियों में 5 हजार 964 ( 2021 में पंजीकृत ) किसान हैं। जबकि अन्य किसी भी ब्रांच में 4 हजार से अधिक किसान नहीं हैं ।बरपाली ब्रांच में हर साल तकरीबन 150 करोड़ का बैंकिग कार्य होता है। यहां गत वर्ष 17 करोड़ 35 लाख रुपए का ऋण बंटा था। तकरीबन 100 करोड़ रुपए धान खरीदी के तौर पर किसानों को भुगतान हुआ था। इसके अलावा 20 करोड़ से अधिक पीएम किसान सम्मान निधि एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले बोनस का भी भुगतान हुआ था। यही वजह है इस ब्रांच पर तमाम योजनाओं के भुगतान के एवज में मिलने वाली कमीशन की राशि पर निगाह गड़ी हुई है।