देश को सर्वाधिक राजस्व देने वाले कोरबा में रेलवे राजस्व अर्जित करने में जुटा ,यात्री समस्याओं से नहीं है सरोकार ,
टूटी कुर्सियां पंखे गायब ,सिंगल काउंटर में पसीने से तर बतर होकर टिकट बुक करा रहे यात्री

एक से अधिक फार्म चाहिए तो फ़ोटो कॉपी कराने की नसीहत,एक साथ नहीं खुल रहे दो काउंटर ,जनता हो रही परेशान

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । 10 में से 6 पंखे गायब ,टूटी कुर्सियां ,पसीने से तर बतर होकर सिंगल काउंटर में यात्रा के लिए रिजर्वेशन कराते यात्री। दो रिजर्वेशन फार्म मांगने असुविधा पर एतराज जताने पर मिलती है फटकार । यहां रेलवे को सिर्फ और सिर्फ अपने राजस्व (कमाई) से मतलब है यात्रियों की समस्याओं से नहीं है कोई सरोकार ।

यह नजारा कहीं और का नहीं देश को कोयला ढुलाई से सर्वाधिक राजस्व देकर कई राज्यों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने वाला कोरबा की तस्वीर है। जहां की जनता न केवल यात्री ट्रेनों के लिए संघर्षरत है वरन जो ट्रेन की सुविधा मिल रही उसमें यात्रा के लिए भी आरक्षण केंद्रों में भीषण गर्मी में टिकट बुक कराने तर बतर हो रही है। हसदेव एक्सप्रेस की टीम शनिवार को दोपहर 12 .30 बजे जब आरक्षण केंद्र का जायजा लेने पहुंची तो नजारा हैरान कर देने वाला नजर आया। आरक्षण केंद्र में गंदगी पसरी थी। 10 में से 6 पंखे गायब हैं। उनमें से 4 पंखे जो बुकिंग काउंटर एक व दो के पास लगे थे वो गायब थे। लोगों के बैठने तक के लिए जगह नहीं थी। यहीं नहीं रेलवे दो काउंटर को अलग अलग समय पर आरक्षण के लिए तय कर रखी है। खिंडकी क्रमांक 1 प्रातः 8 बजे से दोपहर 2.45 बजे एवं 3 बजे से रात 10 बजे तक आरक्षण के लिए खुला रहता है। इस बीच दोपहर 12 से 12.20 बजे एवं शाम 5 से 5.20 बजे तक चाय अवकाश रहता है। इसी तरह खिंडकी क्रमांक 2 प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे एवं शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक ,रविवार को प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक आरक्षण के लिए खुला रहता है। इस बीच दोपहर 12 से 12.20 बजे तक चाय अवकाश रहता है। दोनों रिजर्वेशन काउंटर एक साथ नहीं खुलने का खामियाजा गर्मी में टिकट बुक कराने आने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। पिक सीजन होने की वजह से लंबी दूरी की यात्रा के लिए आरक्षण के लिए घण्टों लाइन में लगनी पड़ रही। पंखे नहीं होने की वजह से लाइन में पसीने से तर बतर होकर लोग अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। यही नहीं जब बुकिंग काउंटर पर यात्री पहुंचे तो उन्हें सिर्फ एक फार्म ही उपलब्ध कराया गया। उसके लिए भी उन्हें कई मर्तबा आवाज देनी पड़ी। एक से अधिक फार्म की मांग करने वालों को बाहर से फ़ोटो कॉपी करा लेने की सलाह दी गई। हद तो तब हो जाती है जब एक व्यक्ति एक से अधिक जगह की यात्रा के लिए एक से अधिक फार्म भरकर घण्टों कतार में खड़ा होकर काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें एक फार्म में ही टिकट बुक करने के नियमों का हवाला देकर पुनः कतार में लगकर आने की सलाह दी गई। इसके पीछे रेलवे अपने नियमों का भले हवाला दे जनता बेहद परेशान दिखी। कोरबा के एआरएम मीडिया द्वारा अव्यवस्था की सूचना दिए जाने के बाद भी सुध नहीं ले रहे। अगर जल्द व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो आरक्षण केंद्रों में ही किसी दिन कर्मियों को जनाक्रोश का सामना करना पड़ जाएगा।