इंदौर। इंदौर सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है। खंडवा रोड पर चोरल घाट के पास 50 फीट गहरी खाई में बस गिरने से ये हादसा हुआ। वहीं हादसे में 37 लोग घायल हो गए। बस हादसे के कारणों और रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने जब Lalluram.Com की टीम घटनास्थल पर पहुंची को हादसे के बाद की इनसाइड स्टोरी सामने आई। दरअसल हादसे के समय घटना क्षेत्र की पुलिस कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर (cabinet minister usha thakur) के चुनावी प्रचार में व्यवस्था को ठीक करने में लगी हुई थी। इसमें खुद थाना प्रभारी भी लगे हुए थे। हालात यह हुआ कि हादसे के एक घंटे तक पुलिस पहुंची ही नहीं। ग्रामीणों ने खुद रेस्क्यू अभियान चलाया। अगर हादसे के तुरंत बाद पुलिस पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन को संभाल लेती तो कुछ और लोगों की जिंदगी बच सकती थी।
जानकारी मिली है कि बस एक बीजेपी नेता के करीबी का है। बस का परमिट 8 दिन पहले ही खत्म हो चुका था। बावजूद इसके बाद सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रही थी।बता दें कि इंदौर-खंडवा रोड पर पिछले डेढ़ महीने में 5 हादसों में 20 लोगों की जान जा चुकी है। इसकी मुख्य वजह है। इंदौर से खंडवा जाने वाली बसों की तेज रफ्तार बस संचालकों की बैठक लेने के बावजूद भी बस संचालक टाइम को लेकर ड्राइवरों पर इतना प्रेशर बना कर रखते हैं। इससे ड्राइवर गाड़ी को तेज रफ्तार चलाते हैं। इससे गाड़ी में बैठी सवारियों की जान खतरे में रहती है। ऐसा हादसा गुरुवार को इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र में सामने आया, जिसमें 5 लोगों की अब तक मौत हो गई।हादसे में घायल यात्रियों ने बताय़ा कि बस पलटने से पहले चालक ने एक आईसर वाहन को टक्कर मारा था। इसके बाद अनियंत्रित होता हुआ खाई में जा गिरा। रस्ते में ड्राइवर को कई लोगों ने गाड़ी संभल कर चलाने की समझाइश दी थ। इसके बाद भी ड्राइवर ने समय के अभाव में वाहन को तेज रफ्तार से चला रहा था। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने ताबड़तोड़ बस के अंदर घायलों को निकालकर लोडिंग ऑटो और बसों में सवार कर इलाज के लिए अस्पताल रवाना किया।वहीं थाना प्रभारी कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य मुन्नी बाई के लिए जनसंपर्क में व्यस्त थे। जबतक थाना प्रभारी आरएलएस भदौरिया घटनास्थल पर पहुंचे तब तक ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर कर सभी लोगों को बाहर निकाल लिया था। हालांकि घायलों को देखने के कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर , कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल जरूर पहुंचे। हालांकि तब तक 5 लोग अपनी जिंदगी गंवा चुका थे।