छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव में पली पढ़ीं आईएएस रानू साहू मेहनत और जुनून की हैं मिसाल ,जानें रायगढ़ कलेक्टर बनीं रानु साहू के बारे में …….

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायगढ़ । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की एक छोटे से गांव पांडुका की लड़की ने पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा। वो बचपन से ही पुलिस की वर्दी पहनने की सोचती थी। सिर पर पुलिस का कैप लगाकर तिरंगे को सैल्यूट करना चाहती थी। इसलिए उसने दिन-रात मेहनत की और पढ़ाई की। पिता ने जब पुलिस में जाने से मना कर दिया तो घर में हल्ला बोल दिया। हम बात कर रहे हैं डीएसपी से आईएएस अफसर बनी रायगढ़ की नई कलेक्टर रानू साहू के बारे में। 2010 बैच के आईएएस अफसर रानू साहू को चौथी बार और लगातार दूसरी बार कलेक्टर बनाई गई हैं। कोरबा जिले में शानदार काम का राज्य सरकार ने उन्हें इनाम दिया है।

रानू साहू गरियाबंद जिले के पांडुका गांव के एक कृषक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा में उस दौर में 90 फीसदी अंक हासिल किए थे। 2005 में उनकी पोस्टिंग पुलिस विभाग में डीएसपी के रूप में हुई थी। पूर्व में कोरबा डीएसपी के रुप में वे अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। 2010 में आईएएस बनी रानू साहू की प्रशासनिक सफर की शुरुआत रायगढ़ जिले से ही हुई थी। उनकी सबसे पहले पोस्टिंग एसडीएम सारंगढ़ के रूप में हुई। इसके बाद उन्होंने सीईओ जिला पंचायत कोरिया, नगर निगम आयुक्त बिलासपुर, एडीएम- अंबिकापुर, डायरेक्टर हेल्थ के बाद कलेक्टर कांकेर, बालोद कलेक्टर के बाद कलेक्टर कोरबा के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दी ।रानू देश की जाबांज महिला अफसरों में से एक हैं और नक्सली इलाकों में भी काम कर चुकी हैं। तेजतर्रार कार्यशैली उनके व्यक्तित्व को और भी प्रखर एवं प्रभावी बनाती है। आज दोपहर जारी हुए प्रशासनिक आदेश के बाद वे रायगढ़ जिले की नई कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालेंगी।