वन उत्पादो से औषधि निर्माण कर एक वर्ष में 47 लाख रूपये का व्ययवसाय कर महिलाओं ने रचा कीर्तिमान ,सिंगापुर में मिलेगा सम्मान ,पाली के हरिबोल स्व सहायता समूह अंतराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित

कोरबा । जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर सात समुंदर पार कोरबा जिले का नाम रौशन किया है। विकासखण्ड पाली के डोंगानाला वन औषधि प्रसंस्करण केन्द्र में काम करने वाली हरिबोल स्व सहायता समूह की महिलाओं का अंतराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन हुआ है।

समूह की महिलाओं को सिंगापुर में आयोजित वैश्विक सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा। महिलाओं को 22-23 जुलाई 2022 को सिंगापुर के ग्रैंड हयाट में आयोजित ईएसजी वर्ल्ड समिट एण्ड ग्रिट अवार्डस कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। हरिबोल समूह का चयन सतत विकास लक्ष्य के इंडिकेटर 3 के तहत् वन औषधि बनाने के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत वन औषधि बनाकर उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए वैश्विक स्तर हरिबोल स्व सहायता समूह को पहचान मिली है। विश्व पटल पर सम्मानित होने की जानकारी मिलने पर समूह की महिलाएं काफी उत्साहित है।उल्लेखनीय है कि डोंगानाला में हरिबोल स्व सहायता समूह की 12 महिलाएं वन औषधि प्रसंस्करण केन्द्र में कच्चे वन उत्पादों से विभिन्न प्रकार की औषधि निर्माण में सलग्न है। महिलाओं द्वारा हर्बल फेशपैक, त्रिफला चूर्ण, हर्बल चाय, अश्वगंधा चूर्ण, आमलकी चूर्ण, सर्दी-खांसी नाशक चूर्ण, दंत मंजन, आदि बनाए जा रहे है। समूह की सचिव श्रीमती सरोज पटेल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में समूह द्वारा 47 लाख रूपये का व्यवसाय किया गया है। जिससे समूह की महिलाओं को 15 लाख रूपये का मुनाफा हुआ है। महिलाएं पहले गांव में मजदूरी करके बहुत कम आमदनी प्राप्त करती थी। अब वनोषधि निर्माण में संलग्न होने से प्रसंस्करण एवं विक्रय कर प्रत्येक महिला सदस्यो को निश्चित आमदनी प्राप्त हो रही है। समूह से जुडकर महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।