नशे में चूर रहते हैं ये शिक्षक ,अफसरों के प्रश्रय से बच्चों का भविष्य अंधकारमय

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही । भगवान और मां के बाद अगर किसी का दर्जा सबसे ऊपर होता है तो वो है गुरु-शिक्षक। कहते हैं शिक्षक छात्रों के भविष्य के निर्माता होते हैं, अगर शिक्षक स्वयं अंधकार में हो तो नौनिहालों के भविष्य क्या होगा ?

ताजा मामला मरवाही विकासखंड के प्राथमिक शाला पथर्री का है। जहां मरवाही खंड शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शाला पथर्री निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान विद्यालय में पदस्थ शिक्षक दिलीप जायसवाल शराब के नशे में चूर दिखे।
बीईओ ने आनन फानन में इमरजेंसी सेवा को कॉल कर बुलाया। उसे मुलाहिजा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरवाही भेजा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि ये शिक्षक पहले भी स्कूल में शराब सेवन करके आते रहे हैं। स्कूल के कुछ शिक्षक तो लगातार गायब भी रहते हैं।इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या 48 है।। यहां पढ़ने लिखने वाले छात्रों ने बताया कि अक्सर शिक्षक देरी से आते हैं। शराब के नसे में चूर रहते हैं। पढ़ाई लिखाई में शिक्षक कोई रुचि नहीं लेते। कई बार शिकायत करने पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती है।