रायगढ़ । हमको अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए, यह आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है लेकिन अच्छा इंसान बने रहने के लिए अपनी जड़ों से जुड़ना भी बहुत जरूरी है और इसके लिए हमें स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक है। हमारी स्थानीय भाषा हमें अपने परिवेश की समझ दिलाती है परंपरा से आया ज्ञान सिखाती हैं। अन्यथा इतनी सारी पीढ़ियों का जो ज्ञान छत्तीसगढ़ी भाषा में है ,उसे भूल जाएंगे, छत्तीसगढ़ी नहीं समझ पाएंगे तो कितना बड़ा नुकसान हो जाएगा।इसलिए स्कूलों में खूब अंग्रेजी पढ़ाएं लेकिन छत्तीसगढ़ी की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए, यह उतनी ही जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बातें मंगलवार को चपले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में छात्रा वंशिका से कहीं।

हुआ यूं कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रा वंशिका पाल ने मुख्यमंत्री से बातचीत की। वंशिका के सवालों का जवाब मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी में देना चाहते थे। मगर वंशिका ने कहा- “आई डोन्ट अंडरस्टैंड छत्तीसगढ़ी” । फिर मुख्यमंत्री ने हिंदी में वार्तालाप किया तो अंग्रेजी में जवाब देते हुए वंशिका ने बताया कि उसकी मां गृहिणी है और पिता पेंटर। साथ ही यह भी बताया कि स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल एक अच्छा स्कूल है। यहां के टीचर बहुत अच्छे हैं। मैं डाक्टर बनना चाहती हूँ। मुख्यमंंत्री ने शाबासी दी। साथ ही चर्चा में यह भी कहा कि अपने जड़ों से जुड़ा रहना जरूरी है इसलिए सभी स्कूलों में एक दिन छत्तीसगढ़ी में भी पढ़ाया जा रहा है। अपनी भाषा से जुड़ने से अपनी धरती से प्रेम बढ़ता है। अपने परिवेश के प्रति समझ बढ़ती है। । इसलिए छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजें रखने के लिए हमें छत्तीसगढ़ी भाषा को अपनाना होगा।