ईडी के जांच की जद में आईं कोरबा के आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त ,दुर्ग स्थित बंग्ले में छापा कोरबा तक मचा हड़कम्प ,क्या खत्म होगी डीएमएफ में ‘माया मैजिक ‘ईडी की कार्रवाई पर टिकी निगाहें

दुर्ग -कोरबा । ईडी के कार्रवाई की आंच आईएएस के क़रीबियों तक पहुंच रही है। आज सुबह कोरबा जिले में पदस्थ आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वारियर के भिलाई स्थित आवास में भी ईडी ने छापामार कार्रवाई की है।वहीं रायपुर की भी टीम उनके कोरबा स्थित बंग्ले में डटी रही। ईडी के छापेमारी से हड़कम्प मचा हुआ है।

दुर्ग जिले में एक बार फिर ईडी की रेड से हड़कंप मच गया है। भिलाई स्थित जुनवानी के चौहान टाउन में ईडी ने दबिश दी है।कोरबा जिले में आदिवासी विकास विभाग की सबसे चर्चित सहायक आयुक्त माया वारियार के घर पर सुबह के वक्त पहुंची टीम निवास पर जांच कर रही है। मकान के बाहर जवान पहरा दे रहे हैं और किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है।
बता दें कि माया वारियर कोरबा जिले में परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना एवं प्रभारी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास के पद पर पदस्थ हैं। वे पहले दुर्ग में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक संचालक थीं। बताया जाता है कि कोरबा में माया वारियर माया वारियर के ऊपर डीएमएफ के फंड के दुरूपयोग की लिखित शिकायतें मुख्य सचिव से लेकर आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव तक पहुंची है। जिसमें वॉटर प्यूरीफायर ,क्रिकेट किट ,इनवर्टर ,छात्रावासी बच्चों के लिए जूतों आदि सामाग्री के साथ पंचायत शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के लिए डीएमएफ से गुणवत्ताहीन सामग्री खरीदी में विशेष ध्यान केंद्रित किए जाने की शिकायतें शामिल है।आरटीआई अधिनियम की धज्जियां उड़ाकर इनके द्वारा डीएमएफ में खरीदे गए इन सामग्रियों से जुड़े वांछित दस्तावेज छुपाई जा रही। बावजूद इन्हें शासन स्तर से प्रश्रय मिलता रहा है। कोरबा में ईडी के निशाने पर माइनिंग और डीएमएफ रहा है, और यही वजह है कि डीएमएफ की केंद्र बिंदु रही माया वारियर के निजी आवास में छापा पड़ा है। फ़िलहाल कार्रवाई चल रही है और इस दौरान ईडी के हाथ क्या लगा इसका खुलासा बाद में हो सकेगा।