डी.एम.एफ. कोरबा के पूर्व नोडल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर भरोसाराम ठाकुर के कार्यों के अनिमितता की होगी जांच,खनिज साधन विभाग मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश,रामपुर विधायक ननकीराम कंवर के शिकायत पत्र के ढाई माह बाद संचालक भौमिकी खनिकर्म ने कलेक्टर से मांगा जांच कार्रवाई प्रतिवेदन, निजी स्वार्थ के लिए नियम विरुद्ध डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति से लेकर लगे हैं अन्य गम्भीर आरोप,देखें पत्र

भरोसा राम पर छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियमों का पालन नहीं करने

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । घोटालों की खान जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर के शिकायत पत्र के दो माह बाद खनिज साधन मंत्रालय ने डीएमएफ (जिला खनिज संस्थान न्यास )कोरबा के हाल ही में मुंगेली नवीन पदस्थापना स्थल पर रिलीव हुए पूर्व
परियोजना अधिकारी संयुक्त कलेक्टर भरोसाराम ठाकुर के विरुद्ध कलेक्टर कोरबा को आवश्यक जांच कर प्रतिवेदन मांगा है। श्री ठाकुर पर विधायक ननकीराम कंवर ने डीएमएफ के कार्यों की स्वीकृति में अनियमितता किए जाने का गम्भीर आरोप लगाया था। पत्र के बाद डीएमएफ शाखा में खलबली मच गई है ।

यहाँ बताना होगा कि प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री मौजूदा रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने पत्र क्रमांक रामपुर /MLA /2022 /1902 दिनांक 28 /11/2022 के माध्यम से मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को पत्र लेखकर भरोसा राम ठाकुर परियोजना अधिकारी जिला खनिज संस्थान न्यास को मुंगेली स्थानांतरित स्थल पर कार्यमुक्त कर जिला कोरबा के कार्यों की स्वीकृति में अनियमितता किए जाने का गम्भीर आरोप लगाया था। जिसमें उन्होंने लेख किया था कि परियोजना अधिकारी भरोसा राम ठाकुर द्वारा शासी परिषद की बैठक में उनके द्वारा दिए गए प्रस्तावित कार्य जो समिति ने अनुमोदित किये हैं उन कार्यों को स्वीकृति न देकर जो कार्य बैठक में अनुमोदित नहीं हुए हैं उन कार्यों को ठेकेदार व दलाल लोगों से लेन देन कर कलेक्टर को दिगभ्रमित कर उन कार्यों की स्वीकृति कराया जा रहा है। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रयत्क्ष खनन प्रभावित क्षेत्र से सदस्य न बनाकर शासी परिषद के सदस्यों की नियुक्ति में अनियमितता की गई है। विधायक श्री कंवर ने आरोप लगाया था कि उन्हें छोंड़कर अन्य तीनों विधायक व सांसद के द्वारा नामांकित लोगों को समिति में सदस्य बनाया गया है और उनके कार्यों को प्राथमिकता से स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इस प्रकार से सभी विधायक के समान प्रकार के कार्य स्वीकृत नहीं किए जा रहे। उन्हें अनुमोदित कार्य की स्वीकृति की जानकारी नहीं दी जा रही है। विधायक श्री कंवर ने मुख्य सचिव को लिखे शिकायत पत्र में उल्लेख किया था कि भरोसा राम ठाकुर का स्थानांतरण शासन के द्वारा 31 अक्टूबर को मुंगेली जिला कर दिया गया है । उसके बावजूद भी उनके द्वारा कोरबा में ही कार्य किया जा रहा है ,उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।

उपरोक्त गम्भीर आरोपों के साथ विधायक श्री कंवर ने मुख्य सचिव से अपेक्षा की थी कि भरोसाराम ठाकुर को तत्काल स्थानांतरित स्थल के लिए भारमुक्त करने का निर्देश देते हुए शासी परिषद में अनुमोदित कार्यों को सभी विधायकों के कार्यों को समान रूप से स्वीकृति देने और बिना अनुमोदित कार्य जो ठेकेदारों और दलालों से मिलीभगत कर स्वीकृत किए गए हैं उन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त करवाने का निर्देश देंगे। रामपुर विधायक श्री कंवर के इस पत्र के बाद खनिज साधन विभाग के अवर सचिव एम चन्द्रशेखर ने पत्र क्रमांक 2746 दिनांक 30 दिसम्बर 2022 के माध्यम से संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म एवं कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा को पत्र लिखकर विधायक श्री कंवर द्वारा प्रेषित पत्र का नियमानुसार परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए जांच प्रतिवेदन /अद्यतन जानकारी विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। जिसके परिपालन में 20 दिन बाद संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ शासन ने पत्र क्रमांक 392 दिनांक 19 जनवरी के माध्यम से कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा को पत्र लिखकर नियमानुसार पत्र का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करते हुए जांच प्रतिवेदन /अद्यतन जानकारी शासन की ओर प्रेषित करते हुए छायाप्रति कार्यालय को उपलब्ध कराने का लेख किया है। पत्र के बाद पूरे डीएमएफ शाखा में खलबली मची है। साथ ही अब कार्यालय कलेक्टर कोरबा पर पूरी निगाहें टिकी हैं । भरोसाराम ठाकुर के खिलाफ क्या त्वरित निष्पक्ष जांच कर प्रतिवेदन शासन को भेजा जाएगा या फिर अनावश्यक विलंब कर जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता का निर्वहन किया जाएगा यह तो आने वाले वक्त में पता चलेगा। बहरहाल पूर्व परियोजना अधिकारी भरोसाराम ठाकुर की बदौलत जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा पूरे प्रदेश में चर्चा में है।

कोरबा करता रहा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम की अवहेलना

जिला खनिज संस्थान न्यास का मुख्य उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगो के हित के लिए पूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्य करना हैै। जिमसें छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम का पूर्ण रूप पालन करना अनिवार्य होता है। कोरबा जिला के पूर्व कलेक्टर द्वारा आदेश क्रमांक 9481 दिनांक 27/07/2021 द्वारा भरोसा राम ठाकुर को कोरबा जिले के डी.एम.एफ. का प्रभार दिया गया था। श्री ठाकुर के कार्य शुरू से ही संदेह में रहा है। इनके द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए डीएएफ के कार्यों को गोपनीय तरीके से किया गया और साथ ही सूचना के अधिकार नियम अंतर्गत मांगी गई जानकारी में भी गोल मोल जवाब दिया जाता रहा है। विधायक ननकी राम कवंर द्वारा इनके कार्यकाल की जांच हेतु कलेक्टर कोरबा को पत्र भी दिया गया है जिसमें भरोसा राम ठाकुर द्वारा कार्य करने के एवज में कमीशन लेने एवं नियम पूर्वक कार्य न करने की बात कही गई है। जिस पर जिला कार्यालय आज तक निष्क्रिय रहे हैं । जिला स्तर पर कार्यवाही न होने पर श्री कंवर ने भरोसा राम ठाकुर की शिकायत मुख्य सचिव छग शासन से की है जिसके परिपेक्ष्य में शासन ने कलेक्टर को जांच के आदेश दिये है।

कार्यों में पारदर्शिता का रखा अभाव

छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय द्वारा 16 सितम्बर 2022 को पत्र जारी किया गया है जिसमें कोरबा, कोरिया, सुकमा एवं बेमेतरा के कलेक्टर को विशेष रूप से छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के पालन के निर्देश दिये हैं। इसके बाद भी भरोसा राम ठाकुर द्वारा छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के नियम का पालन नहीं किया गया है। जिसमें डी.एम.एफ. पोर्टल के माध्यम से कार्य करना, उपलब्ध राशि का 60 प्रतिशत उच्च प्राथमिकता के कार्य तथा 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता के कार्य एवं निर्धारित सेक्टरवार कार्य पर खर्च करना, निर्धारित समय अनुसार बैठको का सम्दान करना, खनन प्रभावित व्यक्तियों की अद्यतन सूची बनाना, समय पर ऑडिट कराना, न्यास द्वारा संपादित कार्यो का सामाजिक अंकेक्षण कराना अन्य बहुत सारे मुद्दे शामिल है।

फर्जीवाड़ा को अंजाम देने के लिए पुराने कर्मचारियों को हटाया

छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग एवं संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा डीएमएफ के सभी कार्यों को ऑनलाइन करने के आदेश दिए गए हैं। जिसके परिपालन में पूर्व में कार्यों को ऑनलाइन पोर्टल से स्वीकृति दी जाती रही है। भरोसा राम ठाकुर के आने के बाद पुराने कर्मचारियों को भी यहां से हटवाया गया है। ताकि कार्यो की स्वीकृति ऑफलाइन एवं बेक डेट पर कर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी किया जा सके और इनके इन गलत कार्यों का कोई विरोध न कर सके।

निजी स्वार्थ के लिए नियमों को किया दरकिनार ,नियम विरुद्ध डाटा एंट्री आपरेटर की नियुक्ति की

छत्तीसगढ़ शासन खनिज साधन विभाग मंत्रालय द्वारा दिनांक 23 मार्च 2021 को जारी आदेश में सभी जिला के डी.एम.एफ. हेतु पद संरचना स्वीकृत की गई है। जिसमें डाटा एंट्री आपरेटर पद की स्वीकृति नहीं दी गई है। इसके बाद भी भरोसाराम ठाकुर के द्वारा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ एवं अपने परिचित व्यक्ति को लाभ पहुचाने तथा कार्यों को गोपनीय रूप से करने के लिए नियम के विरुद्ध डाटा एंट्री आपरेटर की नियुक्ति की गई। 30 सितंबर 2021 को तत्कालीन परियोजना समन्वयक भरोसा राम ठाकुर द्वारा नियुक्ति आदेश जारी कर गोरे पिता एच एल गोरे निवास क्वा.न.एस. ई.567 सीएसईबी कालोनी कोरबा को डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर निर्धारित कलेक्टर दर पर उच्च कुशल श्रेणी में 89 दिनों के लिए नियुक्ति दे दी थी। हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह पद विभागीय पद में स्वीकृत ही नही है। यह एक बहुत बड़ा जांच का विषय है।

सिपाही एवं निजी स्वार्थपूर्ति के लिए नियुक्त ऑपरेटर से गोपनीय ढंग से कराया डीएमएफ के अधिकांश नवीन कार्य ,सिलसिला अभी भी बरकरार

विश्वस्त सूत्रों के हवाले यह भी पता चला है कि भरोसा राम ठाकुर के द्वारा डी.एम.एफ. के अधिकांश नवीन कार्यों को गोपनीय तरीके से कराया जाता रहा है। जिसमें उनके सिपाही के.एस. कवंर एवं दो बाहरी व्यक्ति जिसमें एक डाटा एंट्री ऑपरेटर रखा गया (जो विभागीय पद में स्वीकृत ही नही है) और दुसरा व्यक्ति जो पूर्व में बालोद जिले का भी कार्य कर चुका है, इन व्यक्तियों के द्वारा ही कार्य कराया गया जिससे गोपनीयता बनी रहें। वर्तमान में भरोसा राम ठाकुर के जाने के बाद भी वर्तमान नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू के द्वारा डी.एम.एफ. के कार्यों को वही ऑपरेटर और सिपाही के द्वारा ही कराया जा रहा है। इनको हटाया नहीं गया है। जिससे ऐसा लगता है की अभी भी भरोसा राम ठाकुर का प्रभाव समाप्त नहीं हुआ है। अब यह देखना बाकी है कि जांच कितनी सच्चाई के साथ की जाती है। अगर जांच कमेटी द्वारा सही ढंग से निष्पक्ष जांच किया गया तो भरोसा राम ठाकुर का निलंबित होना तय है, और यह भी सच है की इनके निलंबन से कई बड़े अधिकारी जांच के दायरे में आ जाएंगे। यदि जांच निष्पक्ष नही हुआ तो आज नही तो कल ई.डी. इनकी जांच को करेंगे ही।