जया किशोरी एक प्रसिद्ध कथावाचिका हैं। उनकी कथा सुनने वाले उनकी कथा वाचन शैली को बहुत पसंद करते हैं। देश-विदेश में ‘नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भागवत कथा’ के लिए उन्हें जाना जाता है। किशोरी जी लाइफ मैनेजमेंट और मोटिवेशनल स्पीच के लिए भी जानी जाती हैं। कथा वाचन करने की वजह से कई लोग उन्हें साध्वी जया किशोरी भी कहते हैं, लेकिन किशोरी जी अपने आपको साध्वी बताना पसंद नहीं करती हैं।
कई इंटरव्यू में जया किशोरी यह बात कह चुकी हैं कि वो कोई साध्वी नहीं हैं, इसलिए उन्हें साध्वी न कहा जाए। जब किशोरी जी से इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वो बस एक आम लड़की हैं और उनका पूरा जीवन श्री कृष्ण को समर्पित हैं।
साथ ही किशोरी जी ने बताया कि उन्हें श्री कृष्ण की भक्ति करना और उनके भजन गाना पसंद हैं।
उनके करीबियों की मानें तो वो श्री कृष्ण के मन, भाव, गुण और ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के लिए कथा वाचन करना पसंद करती हैं। इसलिए ही उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी श्री कृष्ण के नाम की है। किशोरी जी कथा और भजनों के दौरान कई बार इतना भावमग्न हो जाती हैं कि व्यास पीठ पर उनके आंसू निकल आते हैं।
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आपको बता दें कि जहां एक तरफ किशोरी जी कहती हैं कि वो कोई साध्वी नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कई इंटरव्यू के दौरान यह बात भी कही है कि वो एक आम लड़की तरह ही अपना जीवन व्यतीत करेंगी। जैसे किसी साधारण लड़की की समय आने पर उसके परिवार की इच्छा से शादी हो जाती है, ठीक उसी तरह जया किशोरी भी अपने परिवार की मर्जी से समय आने पर शादी करेंगी और गृहस्थ जीवन भी जिएंगी।
किशोरी जी का जन्म एक गौर ब्राह्मण परिवार में हुआ है। उनके घर में हमेशा से ही भक्ति-भजन का माहौल रहा है। इसलिए किशोरी जी भी हमेशा से ही भक्तिमय माहौल में रहने की वजह से छोटी उम्र में कथा और भजन आदि करने लगी थीं। उनके परिवार के सदस्य बताते हैं कि वो बचपन से ही श्री कृष्ण से बहुत प्रेम करती हैं इसलिए ही उन्हें हमेशा से श्री कृष्ण की कथाओं और भजनों में रुचि रही हैं।