Nirbhaya Case: निर्भया की मां ने कहा-‘बेटी के दरिंदों को हुई फांसी लेकिन मेरी जंग जारी रहेगी’

Nirbhaya Case: आज से 8 साल पहले राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ हुए गैगरेप की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले सभी दरिंदों को फांसी पर लटकाया जा चुका है लेकिन सभी अपराधियों को सजा मिलने में पूरे आठ साल लगे। इस बारे में बात करते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मैंने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लगातार 8 साल तक लड़ाई लड़ी है, आज भले ही मेरी बेटी के दोषियों को सजा मिल चुकी है लेकिन मेरी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

मैं देश की दूसरी बच्चियों के लिए इंसाफ के लिए लड़ती रहूंगी, आज किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानून में जो भी कमियां हैं उसे सरकार को दूर करना चाहिए।

हाथरस की घटना को ही देख लीजिए, जब तक सिस्टम इसे गंभीरता से नहीं समझेगा, बेटियों के प्रति इस तरह के अपराध नहीं रूकेंगे, निर्भया मामले में भले ही दोषियों को फांसी हो गई है लेकिन आज भी बेटियों के साथ गंदे अपराध रूके नहीं है, इसलिए मेरी और निर्भया के पिता की लड़ाई बंद नहीं हुई है।

निर्भया केस के बाद भी देश में कुछ नहीं बदला’

निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन और युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आपने कभी भी मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा लेकिन आज मैं बोलूंगा, मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही पहचाना जाने लगा और मेरी अंतिम सांस तक मेरी यही पहचान रहेगी। जिस वक्त मेरी बेटी उन दंरिदों की शिकार हुई थी, उस वक्त मेरी बेटी के हक के लिए पूरा देश सड़कों पर उतरा था, फिर दोषियों को फांसी हुई तो मुझे लगा था कि शायद अब देश में बदलाव होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ, आज भी जब किसी बेटी के साथ दरिंदगी की खबर सुनता हूं तो मेरा कलेजा छलनी हो जाता है इसलिए मैं बेटियों के इंसाफ के लिए हमेशा लड़ता रहूंगा, इस तरह कि घिनौने अपराधा खत्म होने बहुत जरूरी है, जिससे और किसी निर्भया का जन्म ना हो, हर बेटी सुरक्षित और खुश रहे, इसके लिए मैं हमेशा लड़ता रहूंगा।

नहीं थम रहे हैं दुष्कर्म के मामले

मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अक्टूबर तक दुष्कर्म के 1,429 मामले सामने आए हैं, जबकि साल 2019 अक्टूबर में दिल्ली में दुष्कर्म के 1,884 मामले सामने आए थे, जो साल खत्म होने तक बढ़कर 2,168 मामले हो गए थे। साल 2012 में कुल 706 रेप केस दर्ज किए गए थे, जिसमें 16 दिसंबर को निर्भया के साथ गैंगरेप भी शामिल था।