रायगढ़। जिंदल हॉस्पिटल कैम्पस में भी कोरोना की घुसपैठ हो चुकी है। सोमवार को 7 और 12 बरस की बच्ची सहित कुल 8 नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य अमले ने कोविड जांच तेज कर दी है, बावजूद इसके लोग गंभीर नहीं हो रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से अछूते रहे रायगढ़ जिले में फिर पॉजीटिव पेशेंट मिलने से हालात बिगड़ने लगा है। यह अलग बात है कि गांव तो गांव, अब शहर में भी मास्क लगाकर घूमने वाले लोगों की तादाद बेहद कम है और यही लापरवाही अब फिर से महंगी पड़ने लगी है।
स्वास्थ्य विभाग की माने तो घरघोड़ा में कोरोना मरीज की मौत के बाद भी जिले में अभी 68 केस एक्टिव हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि कोरोना मरीजों में 7 और 12 साल की वे बच्चियां भी शामिल हैं जो पढऩे के लिए स्कूल जाती थीं मगर अब वे होम आइसोलेशन में हैं। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. भानु पटेल ने बताया कि सोमवार को सोमवार को अंचलभर के काफी लोगों ने कोविड टेस्ट कराया तो 8 का रिजल्ट पोजिटिव निकला। इसमें रायगढ़ में सबसे ज्यादा 5 तथा खरसिया-तमनार में मरीज पाए गए। जैसाकि ओपी जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर कैम्पस में 30 साल के महिला कोरोना संक्रमित मिलने की पुष्टि हुई।
इसी तरह ढिमरापुर के पुरानी बस्ती में 12 बरस की बच्ची, नीचे पारा रामभांठा में 7 और 12 साल की बालिका, शिवकृपा विला रायगढ़ में 38 वर्षीय युवक, खरसिया के पंडरीपानी में 26 साल का युवक, तराईमाल तमनार में 22 साल का नौजवान तथा समनिया में 30 साल का युवक भी कोरोना का नया शिकार मिला। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन पर गौर करें तो जिला मुख्यालय में यह महामारी बड़ी तेजी से अपना पांव पसार रही है। साथ ही चिंताजनक विषय यह भी है कि अब मासूम बच्चे भी कोविड की गिरफ्त में आकर पेशेंट बनने लगे हैं। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए खुद को भी कोरोना से बचने के लिए उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि किसी भी परिवार का कोई सदस्य इस खतरनाक बीमारी में अपनी जिंदगी न गंवा सके।