कोरबा । शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों से बंद तथा अनाबंटित घाटों के अलावा नदी क्षेत्रों से अवैधानिक तौर पर रेत का खनन व परिवहन में लगे ट्रैक्टरों के कुछ कर्मियों द्वारा की गई लापरवाहीपूर्वक घटना में मौत के बाद बरती गई प्रशासनिक सख्ती तथा रेत के लिए जानलेवा हमला करने के बाद अब जाकर ट्रैक्टर मालिकों को रेत घाट चालू कराने की सुध आई है। घटना और विवाद के मध्य ट्रैक्टर मालिकों ने सारा ठीकरा प्रशासन पर फोड़ते हुए चेतावनी दिया है।
जिला ट्रैक्टर मालिक संघ के अध्यक्ष गुलजार सिंह ने कलेक्टर के नाम सोमवार को ज्ञापन सौंप कर रेत घाट चालू कराने की मांग दोहराया है। कहा गया है कि नगरीय निकाय के अंतर्गत संचालित रेत घाट विगत 8 माह से बंद है जिसके कारण ट्रैक्टर संचालन के व्यवसाय से जुड़े मालिक एवं उसमें कार्य करने वाले मजदूरगण बेरोजगार हो गये हैं। कुछ रेत माफिया शासन-प्रशासन की मिलीभगत से अपने-अपने एरिया में जबरदस्ती रेत का उत्खनन एवं परिवहन कर रहे हैं जिसके कारण आए दिन वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। कई लोगों की जान भी गई है, कई लोगों के साथ मारपीट भी हुई है उसके बाद भी प्रशासन कोई भी ठोस कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है। विगत 8 माह से सभी रेत घाट संचालित नहीं है तो विकास कार्य कैसे गुणवत्तायुक्त चल रहा है? जो कि एक प्रश्न चिन्ह लगा रहा है जबकि जिले में बहुत सारे ट्रैक्टर मालिक भुखमरी के शिकार हो रहे हैं और गाड़ी फायनेंस में होने के कारण फायनेंस कंपनी से भी वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यातायात पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर का परिचालन रात्रिकालीन में किया जाए। ट्रैक्टर का पूरा टैक्स सही समय पर पटा रहे हैं उसके बाद भी अपने ट्रैक्टर का संचालन करने नहीं दिया जा रहा है। इस कारण परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। संघ ने कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक, खनिज विभाग, यातायात प्रभारी व नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि 7 दिवस के भीतर कोई ठोस निर्णय ट्रैक्टर मालिकों के हित में नहीं लिया गया तो ट्रैक्टर मालिक संघ एक दिवसीय ट्रैक्टर रैली निकालकर धरना-प्रदर्शन करेगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।