तीन दिनों तक चलेगी काउंसलिंग ,दिव्यांग ,गंभीर बीमारी से पीड़ित को मिलेगी प्राथमिकता ,हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 924 पदोन्नत प्रधानपाठकों के पदांकन के लिए शिक्षा विभाग की 25 अप्रैल से जिला स्तरीय काउंसलिंग ,पूरे जिले की टिकी निगाहें …..

कोरबा। सहायक शिक्षकों की प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति उपरांत पदांकन की प्रक्रिया लंबी खींचतान के बाद अंततः शुरू होने जा रही है। 25 अप्रैल से विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी कोरबा पूर्व में तीन दिवसीय जिला स्तरीय काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अभ्यावेदन प्रस्तुत करने वाले 221 शिक्षक जरूर इस प्रक्रिया से बाहर रहेंगे लेकिन 924 पदोन्नत प्रधानपाठकों की पदांकन के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शिक्षा विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है।

यहां बताना होगा कि शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक एलबी ई /टी संवर्ग के शिक्षकों को प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के रिक्त 1145 पदों पर 14 अक्टूबर से पदोन्नति दी जा रही थी । जिसमें पदोन्नति नियमों को हाशिए पर रखकर संयुक्त पदोन्नति सूची जारी करने की जगह डीईओ कार्यालय बुलाकर हाथों में एकल आदेश थमाया जा रहा था । दिव्यांग ,गर्भवती महिला अभ्यर्थियों को भी पद रिक्त होने के बावजूद दूर दराज के स्कूलों में पदस्थ किया जा रहा है ताकि भेंट पूजा देने वाले शिक्षकों को वहां पदस्थ किया जा सके। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष के पी उपाध्याय के नेतृत्व में 19 अक्टूबर को कलेक्टोरेट पहुंचे दिव्यांग ,गर्भवती सहित अन्य महिला एवं पुरुष वर्ग के शिक्षकों ने पदोन्नति प्रक्रिया में की जा रही नियमों की अनदेखी एवं लेनदेन की शिकायत कर महकमे में खलबली मचा दी थी । संघ के जिलाध्यक्ष जे पी उपाध्याय ने बताया था कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि पदोन्नति प्रक्रिया में महिलाओं ,दिव्यांगों सहित जिन संस्थाओं में वरिष्ठ पदस्थ हैं उन्हें उन्हीं संस्था में पदोन्नति दी जाए। लेकिन इसकी अवहेलना कर पद रिक्त रहते हुए भी महिलाओं ,दिव्यांगों वरिष्ठ शिक्षकों को पद रिक्त रहने के बावजूद अन्यत्र स्थानान्तरण किया जा रहा है।बिना काउंसलिंग किए निजी स्वार्थ के लिए एकल आदेश जारी किया गया। उन्होंने बताया था कि कलेक्टर को उन्होंने ज्ञापन सौंपकर तत्काल पदोन्नति आदेश निरस्त कर काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कराए जाने की मांग की थी। अन्यथा संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन सौंपने के बाद शिक्षकों ने डीईओ कार्यालय जाकर भी नाराजगी जताई थी। जिसको लेकर प्रखर समाचार ने प्रमुखता से खबर प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। पीड़ित शिक्षकों की शिकायत एवं हसदेव एक्सप्रेस के खबर प्रकाशन के बाद कलेक्टर संजीव झा ने प्रकरण को तत्काल संज्ञान में लिया। उन्होंने पदोन्नति प्रक्रिया उसी दिन देर शाम तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी थी। 20 अक्टूबर को शिक्षक संघ की मांग पर नियमानुसार काउंसलिंग के लिए पदोन्नति हेतु तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर शिव बैनर्जी की अध्यक्षता में 5 सदस्ययीय टीम गठित कर दी थी।इनमें जिला शिक्षा अधिकारी जी पी भारद्वाज सदस्य सचिव ,जिला मिशन समन्वयक संजय सिंह,स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय पम्प हाउस के प्राचार्य विवेक लांडे , ईडीएम चिप्स सुश्री शिखा राजपूत तकनीकी सदस्य के तौर पर शामिल की गई हैं। काउंसलिंग से पहले नवंबर माह के पहले पखवाड़े में ही शिक्षकों ने कलेक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया था कि पदोन्नति व पदस्थापना की प्रक्रिया को निरस्त करने का अधिकार कलेक्टर को नही है। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने पदोन्नति प्रक्रिया पर स्टे दे दिया था। मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।फरवरी माह में कोर्ट ने कलेक्टर के काउंसलिंग के फैसले को सही ठहराते हुए लगाए गए स्टे को खारिज कर दिया था। और काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। लिहाजा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्थानीय परीक्षाएं समाप्त होते ही 25 अप्रैल से जिला स्तरीय काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। हालांकि काउंसलिंग के बाद कितने स्कूलों में पद रिक्त रहेंगे । कितने पदोन्नत प्रधानपाठकों को ब्लॉक अथवा जिले से बाहर जाना होगा इसकी तस्वीर काउंसलिंग के बाद भी साफ होगी।

लगाए जाएंगे प्रोजेक्टर ,होगी जिला स्तरीय काउंसलिंग ,दिव्यांगों ,बीमारों को मिलेगी प्राथमिकता

डीईओ जीपी भारद्वाज ने हसदेव एक्सप्रेस से चर्चा के दौरान बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार काउसंलिंग के माध्यम से पदोन्नत प्रधानपाठकों को पदस्थापना दी जाएगी। काउंसलिंग पूरी पारदर्शिता के साथ खुली पद्धति से की जाएगी। विद्युत गृह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी कोरबा पूर्व में तीन दिवसीय जिला स्तरीय काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
प्रोजेक्टर रहेंगे जिसमें पदस्थापना स्थल के लिए विकल्प डिस्प्ले किए जाएंगे। जिला स्तरीय काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।25 से 27 अप्रैल तक आयोजित किए जाने वाले काउंसलिंग में पहले दिन 25 अप्रैल को दिव्यांग महिला पुरूष ,एवं गम्भीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दूसरे एवं तीसरे दिन शेष पदोन्नत प्रधानपाठकों के पदांकन हेतु काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी होगी।

नेतानुमा शिक्षकों के साथ मनचाहे जगह पर पोस्टेड शिक्षकों ने माह भर पूर्व किया था काउंसलिंग का विरोध ,नहीं हुए मंसूबे पूरे

एक माह पूर्व करीब 800 ऐसे शिक्षक जो पूर्व की पदोन्नति प्रक्रिया में जुगाड़ के जरिए मनचाहे स्कूलों में पोस्टेड हुए थे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय आकर काउंसलिंग की प्रक्रिया पर ऐतराज जताया था। पूर्व पदस्थापना स्थल में ही सेवाएं लिए जाने ज्ञापन सौंपा था। सीधे तौर पर हाईकोर्ट के आदेशों के विपरीत जाकर काउंसलिंग का विरोध किया था। जिसको लेकर पूरे महकमे में चर्चाएं थी।

पीड़ित महिला शिक्षकों ने लगाए थे मनचाहा स्थान में पोस्टिंग के लिए चढ़ावा का आरोप

दिव्यांग सहायक शिक्षक सेतो बाई ढिल्लो का प्राथमिक शाला मानपुर विकासखंड पोंडी उपरोड़ा से 22 किलोमीटर प्राथमिक शाला डुग्गुपारा कर दिया गया था । सहायक शिक्षक मधु गुप्ता गर्भवती थीं ,वे जल्द मातृत्व अवकाश में जाने वाली थीं । लेकिन उनका प्राथमिक शाला दर्रीखार विकासखंड कटघोरा से नवीन प्राथमिक शाला नवापारा कर दिया गया था जबकि वहां नजदीक में ही भदरापारा एवं फर्टिलाइजर में पद रिक्त थे। भदरापारा में पद रिक्त होने के बावजूद दूसरे संकुल स्याहीमुड़ी के शिक्षक की पदस्थापना कर दी गई थी ।

ऐसी अंधेरगर्दी ,वरिष्ठ का अन्यत्र पोस्टिंग कर कनिष्ठ को बना दिया गया था प्रधानपाठक

इसी तरह प्राथमिक शाला बेलटिकरी झाबर में पदस्थ सहायक शिक्षक श्रीमती सुकृता श्याम श्याम का नियम विरुद्ध दूसरे ब्लाक पोंड़ी उपरोड़ा तबादला कर दिया गया था एवं कनिष्ठ को प्रधानपाठक बना दिया गया था । जबकि श्रीमती सुकृता 1998 बैच की हैं व उनसे कनिष्ठ शिक्षक प्रतिमा शुक्ला 2005 बैच की हैं। इस आदेश से सुकृता बेहद तनाव में थीं। यही नहीं प्राथमिक शाला बिंझरा से भी कमोबेश यही शिकायत सामने आई थी। वहां भी प्रधानपाठक के रहते हुए भी वहीं की शिक्षिका की प्रधानपाठक के पद पर पदोन्नति कर दी गई है। प्राथमिक शाला चारपारा विकासखंड करतला में 2014 से प्रभारी प्रधानपाठक का दायित्व संभाल रहीं शिक्षिका अनुसूईया साहू का जब पदोन्नति की बारी आई तो उन्हें नियम विरुद्ध कटघोरा ब्लाक के प्राथमिक शाला चुरैल में पदस्थ कर दिया गया था।

शिक्षकों ने दायर की थी याचिका

काउंसलिंग से पहले नवंबर माह के पहले पखवाड़े में ही शिक्षकों ने कलेक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया था कि पदोन्नति व पदस्थापना की प्रक्रिया को निरस्त करने का अधिकार कलेक्टर को नही है। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने पदोन्नति प्रक्रिया पर स्टे दे दिया था। मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

वर्जन

करेंगे काउंसलिंग,बीमार ,दिव्यांगों को देंगे प्राथमिकता

हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन कर काउंसलिंग के माध्यम से पदोन्नत प्रधानपाठकों की पदांकन की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ पूरी की जाएगी। दिव्यांगों,गम्भीर बीमारी से पीड़ित को प्राथमिकता दी जाएगी।

जीपी भारद्वाज, डीईओ