ओटावा. एडल्ट वेबसाइट पॉर्नहब (Pornhub) के खिलाफ एक साथ 40 महिलाओं ने केस दर्ज कराया है. महिलाओं का आरोप है कि इस साइट ने सेक्स ट्रैफिक (Sex Trafficking) ऑपरेशन के जरिए मुनाफा कमाया है. बिना उनकी सहमति के पर्सनल फोटो और वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर दिए. बता दें कि कुछ ही दिनों पहले इस साइट पर चाइल्ड सेक्स एब्यूज और रेप के वीडियो अपलोड करने के आरोप लगे थे. इसकी जांच चल रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पॉर्नहब की पैरेंट कंपनी माइंडगीक (Mindgeek) पर 40 महिलाओं ने 40 मिलियन डॉलर का मुकदमा दायर किया है. इन महिलाओं ने आरोप लगाया है कि वे पॉर्नहब की साझेदार कंपनी ‘गर्ल्स डू पॉर्न’ (Girls Do Porn) का शिकार हुईं हैं.
महिलाओं ने आरोप लगाय है कि पॉर्नहब सालों तक गर्ल्स डू पॉर्न के साथ कारोबार करता रहा. जबकि, कंपनी को इस बात की जानकारी थी की ‘गर्ल्स डू पॉर्न’ गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल है.
इसके अलावा पॉर्नहब पर आरोप हैं कि उसने सेक्स ट्रैफिकिंग का शिकार हुई महिलाओं की याचिकाओं को अनदेखा किया है. इन महिलाओं ने कंपनी से वीडियो को हटाए जाने की मांग की थी. खास बात है कि ‘गर्ल्स डू पॉर्न’ 2019 में बंद कर दिया गया था. उस समय एफबीआई ने पीड़िताओं से गलत तरीके से सहमति हासिल करने के आरोपों के चलते जांच पड़ताल शुरू की थी.
क्या है मुकदमाअपनी शिकायत में 40 पीड़िताओं ने आरोप लगाया है कि पॉर्नहब की पैरेंट कंपनी माइंडगीक को 2009 से ही ‘गर्ल्स डू पॉर्न’ की गैरकानूनी कामों की जानकारी थी. 2016 आते आते कई पीड़िताओं ने आगे आकर गलत तरीकों से सहमति हासिल करने या धोखे से अश्लील वीडियो शूट करने के आरोप लगाए थे.
इसके बाद भी कई सालों तक पॉर्नहब ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. और पीड़िताओं के आरोपों के बावजूद कंटेट को अपनी वेबसाइट पर स्ट्रीम करने दिया. कई महिलाओं ने बताया है कि कैसे मीडिया से बात करने के बाद भी पॉर्नहब उनकी दलीलों को कैसे नजरअंदाज करता रहा. मुकदमें में कहा गया है कि साझेदार कंपनी के खिलाफ सेक्स ट्रैफिकिंग के बढ़ते सबूतों के बाद भी माइंडगीक ने पीड़ितों की मदद करने या शिकायतों की जांच करने से मना कर दिया.
क्या है झूठ?
अभियोगी का आरोप है कि उसे खासतौर पर कहा गया था कि वीडियो इंटरनेट पर पोस्ट नहीं किए जाएंगे. इसका अर्थ है कि पॉर्नहब उनकी सहमति के बिना कुछ भी अपलोड नहीं करेगा. बस यहीं से विवाद बढ़ा. बार-बार लिखित रूप में अपील और ईमेल के बाद भी पॉर्नहब ने अपनी साइट से वीडियोज को हटाने से इनकार कर दिया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि इस साइट पर अभी भी वीडियोज जारी हैं.
कई वादी दावा करते हैं कि उन्हें बताया गया था कि वीडियो एक डीवीडी के लिए विदेशों में बेचा जाना है. इसे इंटरनेट पर अपलोड करने के लिए शूट नहीं किया था. लेकिन, बाद में पॉर्नहब ने ये वीडियो अननोन नाम से इंटरनेट पर डाल दिए. पीड़ितों का दावा है कि इस घटना ने उन्हें गंभीर मानसिक, शारीरिक और वित्तीय तनाव दिया. साथ ही इससे उन्हें अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के बीच दुर्व्यवहार-उत्पीड़न झेलनी पड़ी.
नुकसान
कई पीड़ितों को बताया गया कि उनके वीडियो प्लेटफॉर्म से हटा दिए जाएंगे. पॉर्नहब पर इस तरह के कई वीडियो अभी हैं, जिन्हें हटाने का भरोसा दिया गया अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद पॉर्नहब वेबसाइट से ‘गर्ल्स डू पोर्न’ कंटेंट को हटाने का दावा किया गया, लेकिन सर्च करने पर ये वीडियोज दिख जा रहे हैं. ऐसे में आक्रोशित महिलाएं अब पॉर्नहब से हर्जाने के लिए 1 मिलियन डॉलर की मांग कर रही हैं.
समय
वहीं, वीसा और मास्टरकार्ड को सेंसर करने के आरोप में माइंडगीक 40 मिलियन डॉलर का मुकदमा झेल रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार और प्रमुख कॉलमनिस्ट की एक रिपोर्ट के बाद माइंडगीक ने पॉर्नहब के साथ अपने व्यापार संबंधों की जांच शुरू की. अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कैसे पोर्न वेबसाइट पर नाबालिग लड़कियों की फोटोज और वीडियो शेयर हुए. बता दें कि पॉर्नहब पर अक्सर गैरकानूनी रूप से प्राप्त सामग्री और वीडियो से मुनाफा कमाने के लिए नियमों की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं.
एफबीआई (FBI) ने पिछले साल अगस्त में ‘गर्ल्स डू पोर्न’ की जांच शुरू की थी. इसके बाद पॉर्नहब ने अक्टूबर में अपने पेज से इन कंटेंट को जारी रखना शुरू कर दिया था.