हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । देश विदेश की तमाम धार्मिक ऐतिहासिक स्थलों का दर्शन/ दीदार कराकर सफलतम तीर्थ यात्राओं का 18 साल का कारवां पूरा कर चुका श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति ने
एक बार फिर 23 दिसंबर से 2 जनवरी तक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से रामेश्वरम धाम की दस दिवसीय सफल यादगार यात्रा संपन्न कराई। जिसमें 7 राज्यों के 1500 श्रद्धालु इस पावन यात्रा के साक्षी बने।



रामेश्वरम धाम की पावन यात्रा 23 दिसंबर को कोरबा से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से शुरू हुई। जो बिलासपुर ,रायपुर ,दुर्ग ,गोंदिया होते हुए रामेश्वरम धाम के लिए रवाना हुई।यात्रा में 7 राज्यों
छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र,उड़ीसा,
झारखंड ,बिहार एवं दिल्ली के 1500 श्रद्धालु सपरिवार शामिल हुए। 25 दिसम्बर को धार्मिक यात्रा की शुरुआत तिरुपति बालाजी के दर्शन से शुरू हुई । जहां तिरुमाला पर्वतमाला की सुंदर वादियों में अवस्थित बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं को देव लोक का आभाष हुआ। बालाजी के दर्शन उपरांत यात्रा का अगला पड़ाव 27 दिसंबर को मदुरै पहुंची । जहां विश्व प्रसिद्ध मीनाक्षी देवी की मनोरम मंदिर का श्रद्धालुओं को दीदार हुआ,यहां भी श्रद्धालुओं को दैवीय शक्ति ,कृपा की अनुभूति हुई । तदोपरांत यात्रा का कारवां 28 दिसंबर को पावन रामेश्वरमधाम पहुंची। जहां त्रेतायुग में समुद्र में पत्थरों से बने अकल्पनीय रामसेतु (बांध )के अवशेषों का दीदार हुआ ,जिसे देख श्रद्धालु अत्यंत रोमांचित हुए। प्रभु राम द्वारा रामसेतु के पूर्व स्थापित भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन से श्रद्धालु अत्यंत आनंदित हुए। भक्तिभाव से ओतप्रोत यात्रा का अगला पड़ाव 29 दिसंबर को कन्याकुमारी पहुंची । जहां कन्याकुमारी का दर्शन उपरांत विवेकानंद रॉक मेमोरियल ,तिरुवेल्लावर स्टेचू,कन्याकुमारी बीच ने श्रद्धालुओं को एक अलग दर्जे की आनंद की अनुभूति कराई।समुद्र में उठी ऊंची लहरें इन स्थलों के तटों से टकराकर रोमांचित कर रही थीं। तदोपरांत यात्रा का अंतिम पड़ाव 31 दिसंबर को मल्लिकार्जुन पहुंची। भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री शैल पर्वत पर अवस्थित एवं दक्षिण के कैलाश के नाम से विख्यात विशेष महत्ता महिमा वाले मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का दर्शन भी श्रद्धालुओं के लिए रमणीय ,यादगार रहा। तदोपरांत सफल यात्रा की सुरक्षित वापसी हुई । सपरिवार आनंददायी सफल धार्मिक यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने समिति की सेवाओं एवं यात्रा को यादगार बताते हुए अपने अनुभव बांटे ।सपत्नीक यात्रा में शामिल हुए कोरबा के वेंकटरमन श्रीवास ,एसईसीएल कुसमुंडा के कर्मी अरुण कुमार पाण्डेय ,बिलासपुर तिफरा निवासी हाईकोर्ट के एडवोकेट वैभव शुक्ला ,भिलाई के शासकीय शिक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा कि श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति की यात्रा के बारे में सुना था ,वाकई समिति एक परिवार की भांति धार्मिक तीर्थ यात्रा कराती है जो हमने स्वयं पूरी यात्रा के दौरान महसूस किया। पूरे स्टाफ के साथ आत्मीयता बनी रही। हर सेवाएं सुविधाएं समय पर मुहैया कराई गईं। निसंदेह इन्हीं उच्च कोटि की सेवाओं सेवाभावना की बदौलत श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति आज लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।