हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा(भुवनेश्वर महतो) । समर्थन मूल्य पर जिले में जारी धान खरीदी अभियान के दौरान अन्नदाता किसान शासन -प्रशासन की अनदेखी एवं लचर व्यवस्था से परेशान हैं।खून पसीना बहाकर उपार्जित अपने धान को बेचने से लेकर भुगतान के लिए किसानों को लंबी कतार में खड़े होकर खूब पसीना बहाना पड़ रहा । वहीं मार्कफेड से समय पर धान का उठाव नहीं होने का हर्जाना भी किसानों से अतिरिक्त धान की वसूली कर वसूल की जा रही है।
हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में किसानों ने चैतमा उपार्जन केंद्र ,निरधी में नाराजगी जताई वहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पाली की शाखा में भुगतान की धीमी व्यवस्था पर बिफरे ,अतिरिक्त काउंटर सहित पोंडी में बैंक खोले जाने की मांग शासन से की। उपार्जन केंद्र चैतमा में प्रातः 11.30 बजे हैरान कर देने वाले नजारे दिखे। मार्कफेड के जिले में बफर लिमिट से अधिक धान जाम नहीं होने के कागजी दावे और जमीनी वास्तविकता विपरीत नजर आए। उपार्जन केंद्र में पांव रखने के लिए जगह नहीं थी। धान का ऐसा अंबार लगा था कि धान के उठाव के लिए पहुंचे राइस मिलर्स के 3 वाहन भी नाकाफी पड़ गए। उपार्जन केंद्र के अंदर जहां ईरफ निवासी किसान ईश्वर लाल ,विशाल राम गाड़ी निकलने के बाद खरीदी शुरू होने का इंतजार करते नजर आए। वहीं भरुआमुड़ा से आए किसान होरीलाल,ईरफ से आए किसान कृष्ण कुमार ,नवापारा से आए नारायण सिंह ट्रेक्टर में लाए अपने धान के साथ उपार्जन केंद्र में खरीदी के लिए प्रवेश की अनुमति का ,अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए।
पाली उपार्जन केंद्र में किसानों से बारदाने के वजन के साथ 40 किलो 800 ग्राम धान प्रति कट्टी लेने की जगह 41 किलो 260 ग्राम प्रति कट्टी धान लिया जा रहा था। लाफा में धान का तौल करने कर्मचारियों की कमी से किसान नाराज नजर आए। पोंडी (लाफा)में भी कमोबेश चैतमा की तरह फड़ में धान खरीदने की जगह कम पड़ती नजर आई। लचर परिवहन व्यवस्था के कारण समिति से लेकर किसानों की परेशानी बढ़ गई है।निरधी उपार्जन केंद्र में किसानों ने बेचे गए धान का जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा पाली से पर्याप्त राशि का भुगतान नहीं होने की समस्या रखी।
किसान राजाराम का कहना था कि 3 लाख के धान के भुगतान के लिए हम 10 बार बैंक का चक्कर क्यों काटें। 25 से 40 हजार रुपए तक कि राशि ही बैंक के माध्यम से प्रतिदिवस भुगतान किया जा रहा । शासन को राशि बढ़ानी चाहिए। इसी तरह जिला सहकारी बैंक पाली पहुंचने पर किसान कीर्ति कुमार जगत ,महारथी यादव ,गौरीशंकर ,रामभरोस ने धीमी भुगतान एवं 40 हजार से अधिक भुगतान नहीं होने पर अंसतुष्टि जताई। वहीं बैंक के शाखा प्रबंधक बृजभूषण कश्यप का कहना था कि 1 करोड़ प्रति दिन की डिमांड में 50 लाख की राशि मिल रही । लिहाजा इसी अनुपात में ही वितरण किया जा सकता है ,उन्होंने बैंक में एक बीएम और महज रक कैशियर पदस्थ होने से हो रही असुविधाओं को स्वीकारते हुए बैंक में दो लिपिक की नितांत आवश्यकता बताई। ताकि 5 समितियों के 10 उपार्जन के 10 उपार्जन के
केंद्रों 5500 किसानों का बैंकिग कार्य सुचारू रूप से चल सके। इधर जिले के सबसे बड़े जिला सहकारी बैंक की शाखा बरपाली में हंगामे की स्थिति बरकार रही।14 हजार से अधिक किसान वाले सहकारी बैंक बरपाली में 3 करोड़ की प्रतिदिन की डिमांड पर 1 करोड़ 40 लाख का ही कैश उपलब्ध कराया गया,जबकि डिपाजिट ब्रांच बालको जहां कैश की आवश्यकता नगण्य है वहाँ 50 लाख कैश दिए गए।इस अव्यवस्था से किसान बेहद नाराज नजर आए,बैंक के कर्मचारी भी बेहद परेशान दिखे।