कोरबा । सरकारी रिकार्ड में जमीनों के नंबरों पर कूटरचना पूर्वक अंक बिठाकर स्थान परिवर्तन के साथ ही उसे निजी बताकर बेचने का मामला अभी कोरबा में जहां सुर्खियों में है वहीं निजी जमीन को भी राजस्व रिकार्डों में हेर-फेर करते हुए गायब करने का मामला सामने आया है। वर्ष 1991 में खरीदी की जमीन पर 26 साल बाद काबिज होने पहुंचे भूस्वामी को जमीन गायब मिली। काफी खोजबीन के बाद जमीन मिली भी तो कभी इधर तो कभी उधर बताई जा रही है। खसरा नंबर और नक्शा भी बार-बार बदल रहा है।
दरअसल पावर हाऊस रोड से ट्रांसपोर्ट नगर के मध्य दीपका के ऊर्जानगर कालोनी निवासी श्रीमती अरूणिमा सिंह पिता स्व. रामगुलाम दुबे की कोरबा पटवारी हल्का नंबर 16 में खसरा नंबर 663/3 रकबा 0.0380 हेक्टेयर लगभग 10 डिसमिल जमीन है। 12 मार्च 1991 को अमरनाथ झा से खरीदी गई जमीन पर 2017 में बाउंड्रीवाल खड़ी करने पहुंचे तो जमीन गायब मिली। वर्ष 2017 से अपनी जमीन तलाश रही अरूणिमा सिंह व उनके पुत्र अंकित सिंह का आरोप है कि अज्ञात लोगों के द्वारा भूस्वामी के नाम, खसरा नंबर व मूल नक्शे से छेड़छाड़ कर जमीन की हेरा-फेरी की गई है। भूमि से लगातार छेड़छाड़ कर कभी खसरा नंबर 363/3 तो कभी 663/3 बताया जा रहा है व नक्शा भी अलग-अलग प्रकार का जारी किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत मूल नक्शा प्राप्त करने पर 663/3 खसरा नंबर का नक्शा गायब है और बार-बार किसी अन्य की भूमि को अरूणिमा सिंह की जमीन बता दिया जाता है। इस मामले में अरूणिमा सिंह की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 420, 465, 467, 468, 471 भादवि के तहत जुर्म दर्ज किया है।
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0 सीमांकन के पहले नक्शा से छेड़छाड़, बिना आवेदन डायवर्सन कैसे
इस मामले में अंकित सिंह के बताए अनुसार राजस्व अधिकारियों से रिकार्ड लेने पर खसरा नंबर 663/3 में परिवर्तन होकर 363/3 रकबा 0.039 हेक्टेयर भूमि बताई गई। दुबारा नकल लेने पर भू-स्वामी में श्रीमती रू पिता रा लिखा गया और नक्शा में 663/3 को विलुप्त कर 663/1 के अंदर दिखाया गया। वर्ष 2019 में जमीन खसरा नंबर 663/3 के अंदर दर्शित थी जो मूल स्थान से गायब थी। कलेक्टोरेट से नक्शा का नकल नहीं दिया गया। 20 अगस्त को नक्शा दिया गया लेकिन सीमांकन 15 सितंबर 2020 को हुआ जिससे स्पष्ट है कि सीमांकन से पहले नक्शा दुरूस्त कर प्रदान किया गया जो छेड़छाड़ है। डेढ़ माह बाद भी सीमांकन प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। कृषि भूमि को बिना डायवर्सन आवेदन के ही कैसे और किसके द्वारा डायवर्टेड कर दिया गया और क्यों?
0 राजस्व विभाग से नियुक्त राजस्व कर्मियों और दस्तावेजों की मांगी जानकारी
उक्त संबंध में वर्ष 2017 से अब तक विवादित भूमि क्षेत्र के हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार की सूची मांगी गई है। विवादित भूमि खसरा नं. 663/3 रकबा 0.0380 हेक्टेयर का वर्ष 2017 से अब तक का वर्षवार खसरा बी-वन एवं पांचसाला पी-2 तथा नक्शा एवं भूमि का सीमांकन प्रतिवेदन की भी जानकारी मांगी गई है।
0 अभी आरोपी नहीं, फिर भी आरआई की अग्रिम जमानत याचिका
इस पूरे प्रकरण में चौकाने वाली एक बात यह भी सामने आई है कि कोरबा हलका के पटवारी चक्रधर सिदार जो वर्तमान में आरआई पदोन्नत हो चुके हैं, उनके द्वारा कोरबा सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की गई है। न्यायलयीन सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि 420 के प्रकरण में उन्होंने यह आवेदन लगाया है लेकिन यह भी सोचने वाली बात है कि कोतवाली पुलिस ने जमीन गायब होने के उक्त मामले में किसी को नामजद आरोपी न बनाकर अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया है। ऐसे में अग्रिम जमानत का आवेदन कई सवालों और संदेहों को जन्म भी देता है कि क्या वाकई में कोई कूटरचना हुई है और गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय की शरण में गए हैं?