बिना टेंडर खरीदे करोड़ों की सामाग्री,विधानसभा सदन से शिक्षा मंत्री ने सूरजपुर, मुंगेली, बस्तर, बीजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी को किया निलंबित,मचा हड़कम्प,अन्य जिले भी रडार में ,जानें पूरा मामला …..

रायपुर । छत्तीसगढ़ में बजट सत्र में आज स्कूल शिक्षा विभाग में गड़बड़ा का मुद्दा उठा। सदन में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल में खरीदी में गड़बड़ी के मामले में 4 जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की।अनियमित खरीदी के आरोप पर 4 DEO को सरकार ने निलंबित करने का आदेश दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने सूरजपुर, मुंगेली, बस्तर, बीजापुर जिला के शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने की घोषणा की। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में निलंबित करने की घोषणा की।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बिना निविदा सामग्री खरीदने का मामला उठाते हुए सवाल किया कि क्या छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में एनसीसीएफ, नेकाफ, केंद्रीय भंडार और स्व सहायता समूह से बिना निविदा खरीदी करने की छूट दी गई है? मुझे जानकारी है कि करीब 50 करोड़ रुपए की सामग्री की ख़रीदी की गई है। क्या इसकी जांच की जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि करीब 36 करोड़ रुपए की खरीदी हुई है। जो छूट लेनी चाहिए थी, वह छूट नहीं ली गई। नियमों का पालन नहीं किया गया। सूरजपुर, मुंगेली, बीजापुर, कोंडागाँव जैसे जिलों में खरीदी की गई। सूरजपुर ज़िले में 11 करोड़ 36 लाख, मुंगेली में 99 लाख 95 हज़ार, बस्तर में 20 करोड़ 47 लाख, बीजापुर में 55 लाख 4 हजार और कोंडागाँव में 3 करोड़ रुपए की ख़रीदी की गई थी। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। एक जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने पूछा नाम

बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक के सवाल पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का जवाब आने पर नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने अधिकारियों का नाम पूछा जिस पर बहस भी हुई है। वहीं आखिर में बृजमोहन अग्रवाल ने चारों अधिकारियों के नामों का खुलासा किया। मंत्री ने सदन से ही विनोद राय, एल्मा, प्रमोद ठाकुर और राजेश मिश्रा को निलंबित किए जाने की घोषणा की।
इस दौरान एल्मा को कलेक्टर होने की बात कहकर माहौल ठंडा हो गया। इस पर चुटकी लेते हुए नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि नाम पता नहीं और घोटाले की लिस्ट गिना रहे हैं। इस बीच अजय चंद्राकर ने भी करोड़ों रुपए के घोटाला पेपर में प्रकाशित होने का दावा किया। इस पर सदन में हंगामा हो गया। अध्यक्ष की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।