कोलकाता । पश्चिम बंगाल में 13 साल की एक लड़की का अपहरण कर रेप के बाद हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि उसके आँखें निकाल ली गईं और स्तन काट दिए गए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शासित पश्चिम बंगाल में महिलाओं के लिए नरक साबित होता जा रहा है।भाजपा नेता अमित मालवीय के शब्दों में कहें तो ममता बनर्जी का शासन बंगाल की महिलाओं के लिए अभिशाप बन गया है। दरअसल, कुछ दिन पहले 13 साल की एक किशोरी का अपहरण करके उसके साथ क्रूरता की हद पार कर दी गई। उसकी आँखें निकाल ली गईं और दोनों स्तन काट दिए गए। इसके बाद हत्या कर दी गई।
दरअसल, आँखें निकालने और स्तन काटने का आरोप लड़की के परिजनों ने लगाया है। इसी आरोप की बुनियाद पर परिजनों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि उसकी बेटी के साथ बेहद अमानवीय कृत्य किया गया है। इसलिए उसके शव की दोबारा जाँच की जाए। हाई कोर्ट के आदेश के बाद बंगाल पुलिस ने शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को कब्र में से उसका शव निकाला।
लगभग 20 दिन बाद शव को निकालकर पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए कोलकाता के SSKM मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेजा गया है। दरअसल, इस घटना में पुलिस ने एक नाबालिग लड़के और उसके पिता को गिरफ्तार किया है। परीक्षण के बाद शव को भी दफना दिया गया था।
आरोप था कि किशोरी की रेप और हत्या के बाद आरोपित बाप-बेटे ने पीड़िता के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में छेद किया और उसमें एसिड डाल दिया, ताकि शव जल्दी गल जाए। हालाँकि जाँच रिपोर्ट में इन सारी बातों का उल्लेख किया गया था, लेकिन पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी क्रूरताओं का कोई उल्लेख नहीं था। पुलिस की जाँच रिपोर्ट, केस डायरी और ऑटोप्सी रिपोर्ट में बातें अलग-अलग थीं।
ये पूरा मामला मुर्शिदाबाद जिले के हरिहरपारा क्षेत्र का है। यहाँ 13 साल की एक किशोरी पाँच दिनों से लापता थी। आखिरकार उसका शव 27 जनवरी 2024 को गाँव के सरसों के खेत में पड़ा मिला। किशोरी का शव क्षत-विक्षत था। उसके गले में फंदा था और दोनों आँखें बाहर की ओर निकली हुई थीं। इसके बाद लड़की के परिजनों ने बाप-बेटे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
वहीं, आनंद बाजार पत्रिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की 26 जनवरी की रात करीब 8 बजे निकली थी। उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। परिजनों और रिश्तेदारों हर जगह खोजा, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। जिस कमरे में लड़की रहती थी, वहाँ एक नोट मिला। इसमें लिखा था, ‘चिंता मत करो।’ इसके बाद अगले दिन किशोरी का शव घर से कुछ दूरी पर स्थित सरसों के खेत में मिला। मृतका के परिजनों का परिवार का आरोप है कि गाँव का ही एक युवक शादी का झाँसा देकर किशोरी को उसके घर से अगवा कर ले गया। उसके बाद उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया, उसे शारीरिक यातना दी गई। लड़की के परिजनों ने आरोपित नाबालिग लड़के और उसके पिता का नाम भी पुलिस को बताया।
परिवार का दावा है कि लड़की की आँखें निकाल ली गईं थी और स्तन काट दिए गए थे। लड़की का अपहरण और शारीरिक यातना के बाद क़त्ल किया गया। पुलिस ने उस दौरान शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। हालाँकि, मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर द्वारा की गई ऑटोप्सी रिपोर्ट मृतका के परिजनों द्वारा शिकायत या पुलिस रिपोर्ट से मेल नहीं खाता है।
परिजनों ने इस मामले की गहन जाँच की माँग को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट का खटखटाया। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने कहा कि चूँकि पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जाँच रिपोर्ट में अंतर है। इसलिए पीड़िता के शव के दूसरे पोस्टमार्टम की आवश्यकता है। हाई कोर्ट ने पुलिस से इस मामले में केस डायरी भी माँगी है। मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च 2024 को होगी।
किशोरी के साथ दरिंदगी को लेकर स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। वे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की माँग कर रहे हैं। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए कब्र से शव निकालने के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त कर रखे थे। चारों तरफ बाड़ेबंदी भी की थी।