बरमपुर से दर्री बराज तक 83 करोड़ की स्वीकृत सड़क नहीं हो सका तैयार,बरसात में बढ़ेगी परेशानी

कोरबा। नहर किनारे बरमपुर से दर्री बरॉज तक सडक़ बनाने के लिए कोयला कंपनी एसईसीएल के प्रबंधन ने 83 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। यह स्वीकृति विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले दी गई थी। इसके पहले की काम शुरू होता, प्रदेश में आदर्श आचार संहिता चालू हो गई। इसके बाद प्रदेश सरकार को बड़ी मुश्किल से दो-तीन माह का समय मिला। तब तक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई और दर्री बरॉज तक सडक़ बनाने का काम आगे नहीं बढ़ सका।

औद्योगिक नगरी कोरबा में वर्तमान जरूरत के अनुसार सडक़ नहीं है। शहर के भीतर से कोयला परिवहन करने वाली गाडिय़ां आना-जाना कर रही है। अन्य मालवाहक गाडिय़ां भी इसी रास्ते से होकर गुजर रही हैं। इससे शहर के बीच से होकर गुजरने वाले बायपास रोड पर हमेशा भारी गाडिय़ों का दबाव रहता है। इस दबाव को कम करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से दर्री बराज से बरमपुर-कुसमुंडा तक हसदेव दायी तट नहर के किनारे सडक़ निर्माण की योजना बनाई गई थी। प्रशासन की योजना डबल लेन सडक़ बनाने की योजना थी। ताकि गेवरा-दीपका या कुसमुंडा खदान से कोयला लेकर रायगढ़, चांपा व बालकोनगर की ओर जाने वाली गाडिय़ां निकल सके। लेकिन यह योजना धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकी है। प्रशासन की योजना को फाइल से बाहर निकालने के लिए कई बार कोशिशें शुरू हुई। लेकिन योजना पूरी नहीं हो सकी। इस सडक़ के निर्माण की योजना लगभग 10 साल पहले बनाई गई थी।गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान से रोजाना सैकड़ों की संख्या में कोयला परिवहन करने वाली गाडिय़ां कुसमुंडा से सर्वमंगला चौकी होकर राताखार के रास्ते ट्रांसपोर्ट नगर बायपास होते हुए आगे की तरफ बढ़ती हैं। गाडिय़ां दर्री बरॉज या बुधवारी बाजार होकर चांपा या रायगढ़ की ओर निकल जाती हैं। कोयला परिवहन करने वाली गाडिय़ां शहर के भीतर से होकर गुजरती हैं इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए सर्वमंगला चौक से लेकर बरमपुर तक सडक़ चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है लेकिन अलग-अलग कारण से यह सडक़ अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। अब नया मामला कन्वेयर बेल्ट के करीब बिजली खंभों की शिफ्टिंग से जुड़ा हुआ है। खंभों को हटाने के लिए ठेका कंपनी ने कई बार प्रशासन के जरिए बिजली कंपनी से मांग की है लेकिन अभी तक खंभों को हटाने को लेकर बिजली कंपनी गंभीरता नहीं दिखा रही है। इससे सडक़ निर्माण का कार्य इन स्थानों पर सुस्त पड़ गया है। कई महीने के इंतजार के बाद जब खंभा नहीं हटा तो ठेका कंपनी ने उतनी ही सडक़ की ढलाई शुरू कर दी है जितना सडक़ किनारे उसे जगह मिला है। इससे सडक़ कन्वेयर बेल्ट के करीब संकरा हो गया है। सर्वमंगला से इमलीछापर के बीच छोटे-छोटे पेंच पर भी कार्य बाकी हैं। जल्द ही इसे पूरा नहीं किया गया तो बारिश में राहगीरों की परेशानी बढ़ जाएगी।