उत्तराखंड चारधाम यात्रा :अब तक 21श्रद्धालुओं की गई जान ,जानें मौत की वजह …..

देहरादून। चार धाम यात्रा बीते 10 मई से जारी है। लाखों की संख्या में अबतक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। वहीं किसी तरह की अव्यवस्था ना हो, इसके लिए राज्य सरकार अथक प्रयास कर रही है। इस बीच बढ़ती गर्मी लोगों की जान लेने पर तूली हुई है।गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम पर भी लोगों की जानें जा रही हैं। सोमवार को तीन लोगों की मौत के बाद बद्रीनाथ धाम में अब तक 7 लोगों की जान चली गई है। वहीं गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर अब तक 21 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और यह सभी मौतें हार्ट अटैक के कारण हुई हैं।

चारधाम यात्रा में आई श्रधालुओं की भीड़ से यात्रा व्यवस्थों में कुछ खामियां देखने को मिल रही हैं और अब यात्रा को पटरी पर लाने की कोशिश भी जारी है। चार धाम की यात्रा शुरू होने के 20 दिनों में करीब 7 लाख श्रद्धालु प्रदेश में पहुचे हैं और यात्रियों की भारी संख्या ने कहीं न कहीं प्रशासन के उन दावों की पोल खोल दी है, जिसके दावे यात्रा से पहले होते रहे हैं, जिसमे सबसे डराने वाली तस्वीरें युमुनोत्री धाम से सामने आई हैं।

गंगोत्री- यमुनोत्री धामों से आई तस्वीरों के बाद शासन ने भीड़ नियंत्रण पर एक विसृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए आईपीएस अरुण मोहन जोशी को जिम्मेदारी दी थी, जिन्होंने दोनों धामों में धरातलीय निरिक्षण किया है साथ ही धामों में पहुचे श्रधालुओं से भी बातचीत की। दोनों धामों में भीढ़ नियन्त्रण के लिए यात्रियों को केवल उन स्थानों पर रोका जाए, जहां छोटा सा बजार और कस्बा हो, धामों तक पहुचने के लिए कई बौटल नैक हैं, जिन पर सही से काम किया जाना जाहिए, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो रही है।
वहीं यमुनोत्री धाम में पहुचने के लिए घोड़े खच्चरों और कंडी डंडी के साथ पैदल यात्रियों को अलग-अलग समय पर छोड़ा जाना चाहिए, जिससे खतरा कम होगा। साथ ही धामों में लम्बी-लम्बी लाइनों के बदले टोकन सिस्टम हो, जिससे कि यात्री को घंटों लाइन में न खड़ा होना पड़ें। धामों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अधिक संख्या में पुलिस SDRF तैनात हों।