एनटीपीसी प्रबंधन नियमों को ताक में रखकर कर रहा राखड़ डंप,दो दशक से ग्रामीणों का जीवन बना नारकीय ….

कोरबा । एनटीपीसी के राखड़ डैम ने ग्रामीणों का जीवन नारकीय बना दिया है। स्वच्छ वातावरण में जहर घोल रहा है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कंपनी धनरास गांव के राखड़ डैम में राख डंप कर रही हैं । डेम में पानी का छिड़काव तक नही किया जाता। जिससे राख उड़कर पूरे इलाके को अपनी आगोश में ले लेता है। जिससे ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है।

ये भयावह नजारा एनटीपीसी के राखड़ बांध से प्रभावित गांव सलिहाभठा का है। पिछले दो दशक से यहां के ग्रामीण एनटीपीसी मैनेजमेंट की प्रताड़ना झेल रहे है। गांव से महज 100 मीटर की दूरी पर राखड़ बांध है। सही रखरखाव में लापरवाही के कारण ये बांध ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन गया है। बीईसी36 न्यूज़ की टीम धनरास गांव पहुंची तो हवा चल रही थी। थोड़ी ही देर में बांध से राख की आंधी चली और सब कुछ आंखों से ओझल हो गया।
दरअसल ये राखड़ डेम पूरी तरह भर चुका है। ओवर फ्लो होने और पानी के नियमित छिड़काव के अभाव में ये हालात निर्मित होते हैं।
गर्मी के मौसम में आंगन में खाना नहीं बना पाते। उनकी त्वचा में खुजली का प्रकोप है। तालाब का पानी इतना दूषित हो गया है कि इंसान तो क्या जानवर भी इस्तेमाल नहीं कर सकते।
पुरे गर्मी भर शाम के वक्त राख की ऐसी आंधी चलती है लोगो का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस संबंध में कई बार आंदोलन किया जा चुका है मगर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है। आलम ये है कि दूसरी पीढ़ी भी इस समस्या की जद में है।