- रामपुर आईटीआई ईएसआईसी ( ESIC)अस्पताल के पास बंद कमरे में नीलाम हुई 6 एकड़ शासकीय जमीन
- आम नागरिकों को नहीं मिला नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर
- जिन्होंने खरीदा अधिकांश शासकीय सेवा में, शासन की सेवा शर्तों का हुआ उल्लंघन, बिना अनुमति खरीदी गई करोड़ों की जमीन
कोरबा। कोरबा जिले के राजस्व अधिकारियों का नया कारनामा सामने आ रहा है जिसमें आपसी सांठगांठ कर छत्तीसगढ़ शासन की नजूल एवं घास मद की भूमि के बंद कमरे में बंदरबांट किए जाने की खबर है. खबर के मुताबिक रामपुर आईटीआई ESIC अस्पताल के पास 6 एकड़ जमीन में मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है.
बंद कमरे में हुई नीलामी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा तहसील के ईएसआईसी ( ESIC) अस्पताल के पास राजस्व अधिकारियों द्वारा 06 एकड़ शासकीय जमीन बिना खुली नीलामी किए बंद कमरे में केवल औपचारिकता पूरी कर करीबियों को आवंटित कर दी गई. पटवारी हल्का ग्राम: रिजदी की जमीन खसरा 48/13 की 06 एकड़ जमीन की नीलामी सूचना आम नागरिकों को नहीं दी गई, ना ही इसकी खुली नीलामी आयोजित की गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर से लगी इस बेशकीमती जमीन को अधिकारियों और रसूखदारो द्वारा आपसी सांठगांठ कर शासकीय गाइडलाइन 102% के न्यूनतम मूल्य में विक्रय किए जाने की खबर है. जानकारों का दावा है कि, लगभग ₹230 वर्ग फीट पर आवंटित इस भूमि का बाजार मूल्य काफी अधिक है लगभग 10 गुना है. यदि खुली नीलामी होती तो शासन को इससे लगभग 50-60 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होती. इस बंद कमरे में हुई खुली नीलामी से शासन को लगभग 50 करोड़ के राजस्व की हानि पहुंचाई गई है साथ ही बड़ा भ्रष्टाचार का खेल भी खेला गया है !
करोड़ों की जमीन कौड़ियों में
आर्थिक संकट से जूझ रही छत्तीसगढ़ सरकार जहां एक ओर शासकीय जमीनों की नीलामी कर संसाधन जुटाने का प्रयास कर रही है वहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारी करोड़ों की जमीन को कौड़ियों में बेचकरअपने चहेतों को उपकृत करने में लगे हैं शासकीय जमीनों के आवंटन/ विक्रय हेतु चिन्हित रिक्त भूखंडों की जानकारी पटवारी अथवा तहसील कार्यालय में जन सामान्य को नहीं दी जाती. ना ही इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाता है. शासन द्वारा जारी गाइडलाइन में जमीनों की खुली नीलामी किए जाने का प्रावधान निहित है लेकिन अफसरशाही और भ्रष्टाचार का आलम यह है की जिले में बंद कमरे में रसूखदार लोगों के बीच नीलामी दिखाकर करोड़ों की शासकीय जमीन कौड़ियों के दाम में बेची जा रही है.
रविशंकर शुक्ल नगर में बिकी अभी-अभी ₹ 2000- 2500 वर्गफीट
अभी-अभी नगर निगम कोरबा द्वारा रविशंकर शुक्ल नगर की जमीनों की नीलामी की गई थी जिसमें खुली बोली में नगर निगम को लगभग 2000 से ₹2500 वर्गफीट की उच्चतम बोली प्राप्त हुई है. ऐसे में कलेक्ट्रेट परिसर से महज 01 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ईएसआईसी ( ESIC)अस्पताल के पास 06 एकड़ शासकीय जमीन महज ₹230 वर्गफीट की दर पर में नीलाम किया जाना संदेह को जन्म देता है !
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना लेकिन आम जनता से दूर
प्रदेश की माली हालत सुधारने के साथ-साथ जहां एक और प्रदेश सरकार रिक्त शासकीय नजूल भूमि और बेजाकब्जा भूमि को बेचकर आम नागरिक को लाभ पहुंचाने इस महत्वाकांक्षी योजना का सृजन किया है. वहीं बंद कमरे में हुई इस नीलामी ने आम नागरिकों से दूर हुई इस योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है. अब इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा. अधिकारी और भू- माफिया मिलकर योजना का बेजा लाभ उठा रहे हैं.
क्या होगी कार्यवाही
अब देखना यह है की, प्रदेश के राजस्व मंत्री के गृह जिले में शासकीय जमीनों की इस बंदरबांट पर शासन प्रशासन किस प्रकार संज्ञान लेता है और ईएसआईसी अस्पताल के पास करोड़ों की जमीन जो कौड़ियों में बंदरबांट कर दी गई है उस पर क्या कार्यवाही होती है ?