वरुण सिन्हा, नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 49वां दिन है। हड्डियां गला देने वाली ठंड और बारिश के बीच डटे किसान किसी कीमत पर अपनी मांगें बिना मनवाए वापस जाने के मूड में नहीं हैं। दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान आज शाम को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसानों ने कहा कि वे किसी भी कमेटी के पास नहीं जाएंगे। किसानों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। किसानों का कहना है कि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के तीनों कृषि कानूनों पर स्टे लगाए जाने के बाद कल कहा कि जब तक ‘बिल वापसी नहीं, घर वापसी नहीं।’
किसान संगठनों का कहना है कि वो 15 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा घोषित आंदोलन के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं है। आज लोहड़ी पर तीनों कानूनों को जलाने का कार्यक्रम, 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाने, 20 जनवरी को श्री गुरु गोविंद सिंह की याद में शपथ लेने और 23 जनवरी को आजाद हिंद किसान दिवस पर देश भर में राजभवन का घेराव करने का कार्यक्रम जारी रहेगा।
आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।