बिलासपुर। शिक्षाकर्मियों की तरह उन्हें शासकीयकरण कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की बात पर अड़े पंचायत सचिवों की हड़ताल को 19 दिन हो गए। एक ओर शासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही, तो दूसरी ओर ग्राम सचिवों के काम पर नहीं जाने से ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक कार्य एवं योजनाओं को हितग्राही तक पहुंचाने की कवायद प्रभावित है। इसी क्रम में अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करते हुए संघ के पदाधिकारियों समेत बिलासपुर के पंचायत सचिवों ने प्रदेश की राजधानी रायपुर जाकर धरना-प्रदर्शन किया

छत्तीगढ़ पंचायत सचिव संघ की अनिश्चित कालीन हड़ताल 26 दिसम्बर से जारी है। प्रदेश अध्यक्ष तुलसी साहू के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर प्रदेश स्तर पर धरना-आंदोलन किया जा रहा है। पंचायत सचिवों की दो सूत्रीय मांग है। इसमें प्रथम उनका भी शासकीयकरण हो और उन्हें भी शासकीय कर्मियों के अनुरूप शासन से निर्धारित वेतन-भत्ता व अन्य लाभ प्राप्त हों। दूसरी मांग में उनकी दो वर्षीय परीक्षा अवधि के बाद शासकीय कारण करने का मसला शामिल है। इस संबंध में बिलासपुर जिले के अध्यक्ष सचिन कौशिक के नेतृत्व में बुधवार को रायपुर जाकर धरना व भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया गया। प्रदेश संगठन सचिव मुकेश शुक्ला, जिला सचिव राजकुमार, अशोक दुबे, सुनील क्षत्री, कल्याण सिंह शामिल हुए। कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी, तब तक उनका धरना आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि आगामी दिनों में भी शासन की ओर से उनकी मांगों पर गंभीर होकर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो संगठन से निर्धारित रणनीति के अनुरूप आंदोलन को उग्र स्तर पर ले जाया जाएगा।