दिल्ली । सांसद चुने जाने के बाद कंगना रनोट ने आज पहली बार सदन में भाषण दिया। उन्होंने अपने पहले भाषण में संसदीय क्षेत्र मंडी की समस्याओं को उठाया। कंगना ने कहा कि मंडी क्षेत्र में बहुत सारी कला शैलियां हैं, जो समय के साथ विलुप्त हो जा रही हैं।
पहले वहां भेड़ की खाल से कई जैकेट, टोपियां और शॉल सहित कई सारे ऊनी कपड़े बनाए जाते थे। विदेशों में इसकी बड़ी अहमियत है, लेकिन यहां यह कपड़े बनाने की विधि समाप्त हो रही है। कंगना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का लोक संगीत भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, इन्हें बचाने के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने चाहिए।
मौका देने के लिए स्पीकर ओम बिरला का धन्यवाद दिया
कंगना रनोट बीजेपी के टिकट पर पहली बार में ही सांसद चुन कर लोकसभा पहुंची हैं। नई लोकसभा की गठन के बाद आज उन्हें पहली बार सदन में बोलने का मौका मिला। उन्होंने सबसे पहले तो बोलने का मौका देने के लिए स्पीकर ओम बिरला का धन्यवाद दिया।
इसके बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा- भेड़ और याक के ऊन से बने जैकेट, टोपी, शॉल, स्वेटर विदेशों में बहुत कीमती हैं। लेकिन हमारे देश में यह विलुप्त होते जा रहे हैं। इसी तरह जनजातीय क्षेत्रों लाहौल स्पीति, किन्नौर और भरमौर के लोक संगीत के साथ-साथ स्थानीय वेशभूषा भी अपनी पहचान खो रही है। स्पीकर महोदय, आप बताएं कि इसके लिए क्या जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं?
