कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के हत्यारोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में दावा किया है कि जब वह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी। खुद को निर्दोष बताते हुए रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में कई और दावे किए। सीबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेसिडेंसी जेल में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। 3 घंटे तक चले टेस्ट में संजय रॉय ने कई चौंकाने वाले जवाब दिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी रॉय टेस्ट के दौरान काफी घबराया हुआ नजर आया। सीबीआई ने जब साक्ष्य पेश किए तो आरोपी ने कई बहाने भी बनाए। दावे के मुताबिक इस दौरान संजय रॉय ने बताया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी। डर के चलते वह सेमिनार हॉल से भाग गए। मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में ही किया गया। वहीं, पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों और एक सिविल वॉलंटियर समेत 6 अन्य का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ सीबीआई के कोलकाता स्थित कार्यालय में किया जा रहा है।
वहीं मामले में कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था तो उसने दुष्कर्म और हत्या की बात कबूल की थी। कुछ दिनों पहले ही उसने अपने बयान बदले और दावा किया था कि उसे फंसाया जा रहा है। वह निर्दोष है।
आरोपी संजय रॉय ने जेल गार्डों से भी यही कहा था कि उसे दुष्कर्म और हत्या के बारे में कुछ भी नहीं पता। सियालदह एसीजेएम अदालत में भी उसने यही बयान देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति जताई थी। हालांकि सीबीआई और पुलिस को उसके दावों में सच्चाई नजर नहीं आ रही है। एक अधिकारी के मुताबिक वह जांच को गुमराह कर रहा है, क्योंकि वह अपने चेहरे पर लगी चोट और अस्पताल में अपनी मौजूदगी को लेकर कोई जवाब नहीं दे सका।
क्या है मामला?
बता दें कि हत्या की घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 9 अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। इस घटना के संबंध में रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली। कोर्ट ने निर्देश पर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य समेत 5 का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था।