झारखंड। झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रैफिक जाम में जस्टिस के फंसने के बाद राज्य के डीजीपी, डीसी और एसएसपी को तलब कर लिया। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
23 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास के पास बीजेपी युवा मोर्चा की जनाक्रोश रैली के कारण हुए ट्रैफिक जाम में जस्टिस एसके द्विवेदी के फंस गए थे। इसके बाद अदालत ने डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीसी राहुल सिन्हा और एसएसपी चंदन सिन्हा को 27 अगस्त के दिन तलब कर लिया।
घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गई है। साथ ही डीजीपी को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा की सिर्फ मंत्री-विधायकों को ही पुलिस सुरक्षा दिलवाती है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि जब हाईकोर्ट के सिटिंग जज सीएम आवास के सामने जाम में फंस जाएं और निर्धारित स्थान पर पहुंचने में उन्हें कई घंटे लग जाएं, तो आम लोगों की क्या हालत होगी, यह समझा जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा कि 23 अगस्त को हाईकोर्ट से लौटते समय जाम के कारण उन्हें सीएम के कांके रोड आवास के सामने रुकना पड़ा था। इस दौरान न्यायाधीश के पीएसओ ने ट्रैफिक एसपी समेत कई आला पुलिस अधिकारियों से मोबाइल पर संपर्क करने की कई बार कोशिश की, लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
इस दौरान उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क किया जिसके बाद डीजीपी से बात हुई। डीजीपी के निर्देश के बाद जस्टिस को जाम से निकाला गया। इस दौरान वे आधे घंटे से ज्यादा समय तक जाम में फंसे रहे।
डीजीपी ने कोर्ट से कहा कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी
डीजीपी ने कोर्ट से कहा कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में कुछ चूक हुई है। कोर्ट ने उनसे पूछा कि जब रांची शहर में धरना-प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम होते हैं, तो हजारों लोगों को राजधानी में प्रवेश कैसे दिया जाता है?
बता दें कि रांची में भाजपा युवा मोर्चा ने 23 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास से करीब दो किलोमीटर दूर मोरहाबादी मैदान में एक रैली आयोजित की थी। इस दौरान शहर में ट्रैफिक जाम हालात हो गए थे।