बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार भी बहुत जरूरी: मंत्री श्रीमती राजवाड़े

रायपुर। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज कांकेर जिला के ग्राम गढ़पिछवाड़ी के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित विभाग स्तरीय विज्ञान मेला एवं संस्कृति महोत्सव तथा पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के द्वारा तैयार किए गए मॉडल एवं प्रोजेक्ट का अवलोकन किया तथा उनके उत्कृष्ट कलात्मक मॉडल की सराहना की।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी प्रतिभा छोटी या बड़ी नहीं होती। आज के बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार होना बहुत जरूरी है तथा सरस्वती शिक्षा संस्थान इस कार्य में अन्य संस्थाओं की अपेक्षा कहीं अधिक अग्रणी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समयबद्ध एवं अनुशासित होना आवश्यक है तभी वे अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण करना भी है और यह संस्थान भलीभांति अपना कर्तव्य निर्वहन कर रहा है। इस अवसर पर कांकेर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद मोहन मण्डावी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नैतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की बात कहीं। कार्यक्रम में कांकेर विधायक आशाराम नेताम, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत मटियारा सहित संस्था के प्राचार्य एवं शिक्षकगण और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चें उपस्थित थे।

मूक-बधिर बच्चों के बीच मनाया प्रधानमंत्री का जन्मदिन

प्रदेश की समाज कल्याण एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और कांकेर विधायक आशाराम नेताम आज शाम को कांकेर जिला के प्रवास के दौरान ग्राम कोदाभाट स्थित शासकीय श्रवण बाधितार्थ आवासीय विद्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने मूक-बधिर बच्चों से आत्मीय भेंट की। इस दौरान बच्चों ने गीत सुनाकर उनका स्वागत किया, जिससे वे काफी प्रसंन्न हुईं साथ ही बच्चों से विद्यालय में मिलने वाले भोजन, यूनिफॉर्म आदि के बारे में पूछा। तत्पश्चात उन्होंने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बच्चों से केक कटवाया और सभी बच्चों को एक-एक करके अपने हाथों से केक और मिठाइयां खिलाईं। समाज कल्याण मंत्री को अपने बीच पाकर बच्चे भी प्रसन्न हो गए।