कोरबा।देश में उर्जानगरी के रूप में विख्यात कोरबा इन दिनों कई प्रमुख सड़कों की बदहाली के लिए चर्चित है। इसके लिए अलग-अलग कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। नगर निगम का कहना है कि सडक़ों को सुधारने का काम जरूर किया जाएगा लेकिन बारिश के पूरी तरह से थमने के बाद।लिहाजा इस शारदीय नवरात्रि में भी शहरवासियों को मंदिरों व दुर्गा पंडाल जाने जर्जर सड़कों के बीच कीचड़ धूल खाते गुजरना होगा।

शहर की सडक़ों को बेहतर स्थिति में देखने और राहत पाने के लिए क्षेत्र की जनता को अभी लंबा इंतजार करना ही होगा। नगर निगम कोरबा के महापौर राज किशोर प्रसाद ने बताया कि निश्चित रूप से यहां की सडक़े समस्याग्रस्त हैं। इस वजह से लोगों को यहां से होकर आवाजाही करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यह बात हमारे संज्ञान में है और इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बारिश की पूरी तरह से विदाई होने के बाद ही सडक़ों को चलने के लायक बनाया जा सकेगा, इस प्रकार की हमारी योजना है।
कोरबा में सीएसईबी चौराहा से लेकर पावर हाउस रोड्स का सबसे बुरा हाल है। इससे कुछ कम दुर्गति जैन मंदिर बुधवारी तिराहा से ओपन थिएटर और कोसाबाड़ी चौराहा की तरफ जाने वाली सडक़ की है। डीएसपीएम चौराहा से कलेक्ट्रेट को जाने वाला रास्ता भी कई जगह पर बदहाली का शिकार है और लोग परेशानी को झेलने को मजबूर हैं। इन सभी रास्तों पर न केवल गड्ढे हो चुके हैं बल्कि लगातार आवागमन के दबाव से उडऩे वाली धूल भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है। इन सभी कारण से हादसे का डर बना हुआ है।
अभिशप्त है कुसमुंडा मार्ग,4 साल बाद भी अपूर्ण
कोरबा जिले में कोयलांचल कुसमुंडा को शहर से जोड़ने जाने वाला एकमात्र फोरलेन सड़क भी एक प्रकार से अभिशप्त हो चुका है जो 4 साल से निर्माणाधीन है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड इस सडक़ को बनाने के लिए कम्युनिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी मध्य से 200 करोड रुपए की राशि 5 वर्ष पहले जारी कर चुका है । लोक निर्माण विभाग की देखरेख में इस काम को किया जा रहा है। लंबा समय गुजरने के बाद भी पूरा रास्ता नहीं बन सका है जबकि सर्वमंगलानगर और विकास नगर शिव मंदिर तिराहा के पास छोड़े गए पेंच को नहीं भरने के कारण कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो रही हैं।
नवरात्र में बढ़ेंगी मुश्किलें
शारदीय नवरात्र पर्व के लिए एक पखवाड़ा का समय शेष बचा है और इससे पहले शहर की सड़कें वेंटिलेटर पर है। विभिन्न स्थान पर आयोजित होने वाले नवरात्र के आयोजन में 9 दिनों तक हिंदू समुदाय के लाखों लोगों की मौजूदगी दिखेगी । लोगों की पहुंच मंदिर से लेकर दुर्गा प्रतिमा स्थल तक इन्हीं रास्तों से होकर सुनिश्चित होगी। ऐसे में देवी भक्तों को धूल के गुबार,गर्द के बीच अपने आस्था केंद्र तक पहुंचना होगा। इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए फिलहाल किसी प्रकार का विकल्प न प्रशासन के पास है ना निगम के पास।