नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। किसान आंदोलन (Farmers Movement) की आड़ में देश का राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा का जो तांड़व हुआ उसके पीछे सीमापार से जुड़े तार अब उजागर हो चुके हैं। लालकिले पर ‘निशान साहिब’ का झंडा फहराने के बाद से खालिस्तानी एजेंड़े का पर्दाफाश हो गया है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी गुट एसएफजे ने गणतंत्र दिवस से लगभग 15 दिन पहले ही अपने संदेशों के जरिए ट्रैक्टर परेड के दौरान इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंड़ा लगाने वाले को 18.25 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया था।
पाकिस्तान के अलावा इन देशों में भी खालिस्तान के तार
दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने वालों के तार न सिर्फ पाकिस्तान से जुड़े हैं बल्कि अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत कई अन्य देशों में जुड़े हैं।
इन देशों में बैठे खालिस्तानी गुट के कुछ मुट्ठीभर समर्थकों ने लालकिले की घटना के बाद खुशी व्यक्त करते हुए अपनी आगे की प्लानिंग का भी ऐलान कर दिया है,जिसके तहत अब इन लोगों ने 1 फरवरी को संसद के घेराव के लिए भड़काऊ बयान जारी किया है।
ऐसे पता चली खालिस्तानियों की मंशा
दरअसल, खालिस्तानियों के मंशा तब और अच्छे से जाहिर हो गई, जब किसानों की ट्रैक्टर परेड को हाइलाइट करने के लिए न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, लंदन समेत कई शहरों में प्रदर्शन के दौरान इनके समर्थन में खालिस्तानी झंडे देखे गए। मालूम हो कि ये पहला मौका नहीं है जब खालिस्तानी एसएफजे का पाकिस्तान से लिंक सामने आया है, इससे पहले भी कई बार खालिस्तानी गुट एसएफजे का पाकिस्तान और आईएसआई से कनेक्शन होने की खबरे सामने आती रही हैं।
पाकिस्तान ने हुडदंग को बताया फतह
बता दें कि पाकिस्तान की भारत के प्रति सोच किस हद तक गिरी हुई है इसका तब और अच्छे से पता चला जब पाकिस्तानी सरकारी समाचार ने किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई घटना को जमकर चलाया। इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई अन्य समाचारों ने तो लाल किले पर हुई घटना को फतह करार दिया।
पाकिस्तान पहले ही हो चुका था बेनकाब
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के बीच गड़बड़ी करने और राजधानी में दंगे व आतंकी साजिश को पहले ही बेनकाब कर दिया था। पुलिस ने पाकिस्तान से संचालित 308 ट्विटर हैंडल ट्रेस किए थे, जो पाकिस्तान, तुर्की और अफगानिस्तान के आसपास से संचालित थे।