छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के जंगलों को अडानी से बचाने हथियार उठाने मजबूर हुए आदिवासी ,निकाले तीर कमान ,हिंसक झड़प ग्रामीणों समेत टीआई ,पुलिसकर्मी चोटिल , 200 पुलिसकर्मियों की छावनी से घिरा परसा, माहौल तनावपूर्ण ….

सरगुजा। सरगुजा जिले के उदयपुर मुख्यालय के परसा ईस्ट केते एक्सटेंशन खुली खदान के लिए पेड़ों की कटाई पुलिस बल की सुरक्षा में हो रही है। 200 पुलिसकर्मी घाटबर्रा में डटे हैं और दूसरी तरफ पेड़ों की कटाई रोकने के लिए ग्रामीणों ने भी मौजूद संसाधनों को हथियार बना लिया है। आज ग्रामीणों और पुलिस बल के साथ झड़प हो गई तथा तीन ग्रामीणों का सर फूट गया है व टीआई सहित कुछ पुलिस कर्मी भी चोटिल हुए हैं।

जंगल में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए परसा गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
आपको बता दें हसदेव अरण्य में परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन को राजस्थान सरकार को आवंटित किया गया है। राजस्थान सरकार ने एमडीओ के तहत इन खदानों को अडानी ग्रुप को दिया है। इस खदान से कोयला के एक बड़े हिस्से का उपयोग अडानी ग्रुप अपने बिजली संयंत्रों के लिए करता है।
अडानी ग्रुप द्वारा परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक में दो चरणों में खनन के अलावा अब परसा कोयला खदान में खनन के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दिया गया है। कोयला खनन के लिए हसदेव अरण्य के जंगलों में आने वाले सालों में 2 लाख 74 हजार से ज्यादा पेड़ों को और काटा जाएगा।