विधायक फ़ूलसिंह का कमजोर प्रदर्शन,भाजपा नेता भी कुछ खास नहीं कर पाए
कोरबा। निकाय चुनाव में दबदबा बनाकर रखने वाली भाजपा का प्रदर्शन पंचायत चुनाव में कमजोर नजर आया है तो वहीं कांग्रेस संगठन से लेकर उसके विधायक फ़ूलसिंह राठिया अपने ही निर्वाचन और निवास क्षेत्र में कुछ खास नहीं कर पाए बल्कि हालात शरणागत जैसे रहे। कॉंग्रेस- भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को ग्रामीण मतदाताओं ने नकारते हुए निर्दलियों को पसंद किया। हालांकि कई निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस-भाजपा से बागी होकर लड़े लेकिन पार्टी ने जिनको समर्थन दिया, उनकी भी नैया निर्दलियों ने डुबा दी। नेताओं की मोह-माया के आगे संगठन भी कमजोर हो गया।
पहले चरण के इस पंचायत चुनाव में राज्य की सत्ता से लेकर दिल्ली के चुनाव में हुई जीत की लहर निकाय चुनाव की तरह नहीं चल पाई जिससे फिलहाल जिला पंचायत के 4 क्षेत्रों में भाजपा से नकारे गए रेणुका राठिया क्षेत्र क्रमांक 1, सावित्री अजय कंवर क्षेत्र क्रमांक 3 व रज्जाक अली क्षेत्र क्रमांक 4 ने अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाया। क्षेत्र क्रमांक 2 का परिणाम समाचार लिखे जाने तक रूझानों में रहा।
0 संगठन छोड़ रिश्तेदारों में लगे रहे
विधायक,ननकीराम की बहू हारी
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रामपुर विधानसभा के साथ-साथ कोरबा के राजनीतिक गलियारे में निकाय चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम की जहां चर्चा है वहीं पंचायत चुनाव के प्रारम्भिक परिणाम भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्षेत्र क्रमांक 1 से भाजपा के पूर्व् मंत्री ननकीराम कंवर की बहू निर्मला कंवर और पूर्व् कांग्रेस विधायक श्यामलाल कंवर की पत्नी श्रीमती सरोज देवी जहां चुनाव हार गईं वहीं मौजूदा विधायक फ़ूलसिंह राठिया की पुत्रवधू कमला राठिया और रिश्तेदार कुसुमलता राठिया भी हार गईं। निर्दलीय कुसमलता के प्रचार पोस्टर में तो फ़ूलसिंह राठिया समेत कांग्रेस नेताओं की तस्वीरों को लेकर सवाल उठे और पीसीसी चीफ दीपक बैज तक शिकायत भी हुई कि वे कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी सरोज देवी के विरुद्ध प्रचार कर रहे हैं लेकिन अब तक शिकायत अनिराकृत है। इसी तरह क्षेत्र क्रमांक 3 में कांग्रेस प्रत्याशी अपनी बहू कमला राठिया को भी नहीं जिता पाए। यह क्षेत्र विधायक फ़ूलसिंह का निवास व निर्वाचन क्षेत्र है फिर भी ग्राम केरवाद्वारी के 3 मतदान केन्द्र में अपेक्षित वोट नहीं दिला पाए। विधानसभा क्षेत्र में चर्चा है कि क्या फ़ूलसिंह राठिया अब अपने सामाजिक सहित अन्य समाज के वोटों को साध नही पा रहे हैं? क्या उनकी लोकप्रियता का पैमाना घटा है?