मध्यप्रदेश । मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया. कोयला खदान का स्लैब गिरने ने उसमें मजदूर दब गए. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया.अब तक मलबे से तीन मजदूरों को निकाला गया है, जिन्हें डॉक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया.
डब्ल्यूसीएल, एसडीआरएफऔर पुलिस बलकी टीम ने इनका रेस्क्यू किया. बैतूल एसपी निश्चल झारिया ने घटना की पुष्टि की और एसपी खुद भी छतरपुर-1 खदान पहुंच गए हैं.
हादसा बैतूल जिले की सारणी स्थित बागडोना-छतरपुर खदान में गुरुवार शाम को हुआ, जिसमें खदान की छत धंसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें खदान में कार्यरत अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. हालांकि, तीन मजदूरों की मौत की पुष्टि एसपी निश्चल झारिया ने की.
मृतकों के परिजनों को मिलेगी सहायता राशि
इस हादसे मेंगोविंद कोसरिया (37) शिफ्ट इंचार्ज,हरि चौहान (46) ओवरमैन,रामदेव पंडोले (49) माइनिंग सरदार की मौत हो गई.विधायक डॉ. पंडाग्रे और कलेक्टर सूर्यवंशी ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के जीएम को निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को तत्काल लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए.
जिला प्रशासन हादसे की जांच में जुटा
इसके अलावा एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और लाइफ एनकैशमेंट की राशि भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. घटना के बाद प्रशासन ने माइनिंग सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके. फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और अधिकारियों द्वारा हादसे के कारणों की विस्तृत जांच जारी है.